उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / city

'मौत' की डगर पर सफर करते लोगों के हौसले देख हो जाएंगे दंग, देखें वीडियो

15 अगस्त से गुंजी में तीन दिवसीय व्यास मेला शुरू होने जा रहा है. इस बार व्यास मेले की स्वर्ण जयंती है. ऐसे में नपलच्यू, गुंजी, नाबी, रौंगकौंग और कूटी के लोग मेले में शिरकत करते हैं. उच्च हिमालयी इलाकों में रास्तों की खस्ताहाली और समय की बचत के लिए लोगों को न चाहते हुए भी इन रास्तों से होकर गुजरना पड़ेगा.

जान हथेली पर रखकर सफर कर रहे लोग.

By

Published : Aug 3, 2019, 7:57 PM IST

पिथौरागढ़: जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्र गुंजी तक पहुंचने के लिए लोगों को ऐसी डगर से होकर गुजरना पड़ता है जो बेहद ही खतरनाक है. यहां थोड़ी सी चूक जान को जोखिम में डाल सकती है. नजंग और मालपा के बीच का बीच कुछ ऐसे ही हालात देखने को मिलते हैं, जहां बरसात के दिनों में काली नदी अपने रौद्र रूप में बहती है तो दरकते पहाड़ यहां के सफर को और भी जोखिम भरा बना देते हैं. करीब एक किलोमीटर लंबे खतरनाक मार्ग पर यहां के लोगों को हर रोज सफर करना पड़ता है. हर दिन सैकड़ों ग्रामीण यहां से होकर गुजरते हैं.

जान हथेली पर रखकर सफर कर रहे लोग.

दरअसल, 15 अगस्त से गुंजी में तीन दिवसीय व्यास मेला शुरू होने जा रहा है. इस बार व्यास मेले की स्वर्ण जयंती है. ऐसे में नपलच्यू, गुंजी, नाबी, रौंगकौंग और कूटी के लोग हर कीमत पर मेले में आना चाहते हैं. उच्च हिमालयी इलाकों में रास्तों की खस्ताहाली और समय की बचत के लिए लोग न चाहते हुए भी लोगों को इन रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है.

पढ़ें-उत्तराखंड: उच्च शिक्षा में गरीब सवर्ण छात्रों को मिलेगा 10 फीसदी आरक्षण

यहां कुछ साहसी युवक बुजुर्ग और महिलाओं को मुश्किल से रास्ता पार करवाते हैं. खतरनाक रास्ते, रौद्र रूप में काली नदी और बरसात के कारण लगातार होता भू-स्खलन इन रास्तों को और जोखिम भरा बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहा है.

पढ़ें-उन्नाव दुष्कर्म मामले को लेकर महिला कांग्रेस ने किया प्रदर्शन, आरोपी विधायक का फूंका पुतला

ऐसा नहीं है कि प्रशासन को इस बारे में कोई खबर नहीं है. बावजूद इस पर ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इस बार गुंजी में होने वाले व्यास मेले में पांच हजार से अधिक लोगों के शिरकत करने की संभावना हैं. मेले में हिस्सा लेने के लिए दूर-दराज के गांवों से लोग खतरनाक रास्तों का इस्तेमाल कर यहां पहुंचते हैं. ऐसे में शासन प्रशासन को चाहिए की खतरनाक हो चुके इन रास्तों की ओर ध्यान दे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details