पिथौरागढ़: जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्र गुंजी तक पहुंचने के लिए लोगों को ऐसी डगर से होकर गुजरना पड़ता है जो बेहद ही खतरनाक है. यहां थोड़ी सी चूक जान को जोखिम में डाल सकती है. नजंग और मालपा के बीच का बीच कुछ ऐसे ही हालात देखने को मिलते हैं, जहां बरसात के दिनों में काली नदी अपने रौद्र रूप में बहती है तो दरकते पहाड़ यहां के सफर को और भी जोखिम भरा बना देते हैं. करीब एक किलोमीटर लंबे खतरनाक मार्ग पर यहां के लोगों को हर रोज सफर करना पड़ता है. हर दिन सैकड़ों ग्रामीण यहां से होकर गुजरते हैं.
दरअसल, 15 अगस्त से गुंजी में तीन दिवसीय व्यास मेला शुरू होने जा रहा है. इस बार व्यास मेले की स्वर्ण जयंती है. ऐसे में नपलच्यू, गुंजी, नाबी, रौंगकौंग और कूटी के लोग हर कीमत पर मेले में आना चाहते हैं. उच्च हिमालयी इलाकों में रास्तों की खस्ताहाली और समय की बचत के लिए लोग न चाहते हुए भी लोगों को इन रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है.
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