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नेपाली रेडियो पर बज रहे भारत विरोधी गाने, लोकगायक ने गीत से दिया जवाब

कुमाऊंनी लोकगायक भूपेंद्र बसेड़ा ने गीत के माध्यम से नेपाली रेडियो पर बज रहे भारत विरोधी गाने का जवाब दिया है. भूपेंद्र ने गीत के माध्यम से भारत-नेपाल के सदियों पुराने रोटी-बेटी के रिश्ते का संदेश दिया है.

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गीत के माध्यम से नेपाल को जवाब.

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Published : Aug 6, 2020, 1:16 PM IST

Updated : Aug 6, 2020, 2:49 PM IST

पिथौरागढ़: नेपाली रेडियो में लगातार भारत विरोधी गाने बज रहे हैं. जिसका जवाब एक कुमाऊंनी लोकगायक भूपेंद्र बसेड़ा ने अपने गीत के जरिए दिया है. लोकगायक भूपेंद्र बसेड़ा ने 'कस्तो भनै नेपाल' के नाम से एक नेपाली गीत तैयार किया है. जिसे उन्होंने खुद ही लिखकर गाया है. भूपेंद्र इस गीत के माध्यम से भारत और नेपाल के सदियों पुराने रोटी- बेटी के रिश्ते का संदेश दिया है.

जिले के भूपेंद्र बसेड़ा ने नेपाली भाषा में एक गीत के माध्यम से भारत और नेपाल के बीच सदियों पुराने रिश्ते को उभारा है. ये गीत जहां नेपाल की वर्तमान कूटनीति पर करारा व्यंग्य करता है, तो वहीं नेपाल को चीन की साम्राज्यवादी नीति से आगाह भी कराता है. इस गीत के माध्यम से भूपेंद्र बसेड़ा का कहना है, कि कालापानी और हिमालय दोनों मुल्कों की साझी विरासत का प्रतीक है. दोनों देशों को रिश्ते मजबूत करने की जरूरत है. साथ ही उन्होंने कहा है कि नेपाल को कालापानी के बजाए सागरमाथा (एवरेस्ट) की चिंता करनी चाहिए. जिस पर चीन अपना आधिपत्य जमाना चाहता है. वहीं सोशल मीडिया पर इस गीत को खूब सराहा जा रहा है.

लोकगायक ने गीत से दिया जवाब.

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लोकगायक भूपेंद्र बसेड़ा ने बताया कि नेपाल की कम्युनिस्ट सरकार चीन के इशारे पर भारत से रिश्ते खराब कर रही है. इसलिए नेपाली रेडियो पर भारत विरोधी गाने बजाकर नेपाल की भोली-भाली जनता को गुमराह किया जा रहा है. दोनों मुल्कों के रिश्ते पहले की तरह सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण रहें, इसके लिए उन्होंने ये गीत लिखा और गाया है. ऐसे में चीन के इशारे पर नेपाल को भारत से रिश्ते खराब नहीं करने चाहिए.

Last Updated : Aug 6, 2020, 2:49 PM IST

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