नैनीताल: हवाई मार्ग से उत्तराखंड वापस लौट रहे प्रवासियों ने उनके साथ भेदभाव का आरोप लगाया था. ये मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया है. नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन की खंडपीठ ने राज्य सरकार को एक सप्ताह के अंदर अपना विस्तृत जवाब शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.
बता दें कि देहरादून निवासी पत्रकार उमेश शर्मा ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड के दोनों हवाई अड्डों देहरादून और पंतनगर में यात्रियों को राज्य सरकार के द्वारा जबरदस्ती पेड क्वारंटाइन सेंटरों में भेजा जा रहा है. जिन होटलों को राज्य सरकार की ओर से क्वारंटाइन सेंटर के रूप में चिन्हित किया गया है उनमें यात्रियों से आने-जाने और खाने का पैसा भी जबरन लिया जा रहा है. याचिकाकर्ता का कहना है कि सरकार का हवाई मार्ग से आ रहे यात्रियों के साथ भेदभाव करना पुराना रवैया है. वहीं जो यात्री रेल और सड़क मार्ग से आ रहे हैं उनको निशुल्क क्वारंटाइन किया जा रहा है. याचिकाकर्ता का कहना है कि लोग लॉकडाउन के चलते उत्तराखंड से बाहर फंसे हुए हैं और हवाई मार्ग से अपने घर वापस लौटने को मजबूर हैं. सरकार द्वारा वापस लौट रहे लोगों का उत्पीड़न किया जा रहा है.