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तकनीकी विश्वविद्यालय और महिला प्रौद्योगिक संस्थान में चल रही नियुक्तियों पर हाई कोर्ट सख्त

देहरादून निवासी संदीप कुमार व अन्य कुछ याचिकाकर्ताओं ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि तकनीकी विश्वविद्यालय और महिला प्रौद्योगिकी संस्थान में राज्य सरकार द्वारा बनाई गई प्रथम परी नियमावली वैध नहीं है.

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Published : Jul 4, 2019, 11:19 PM IST

तकनीकी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर नियुक्ति मामले पर सख्त हुआ हाईकोर्ट.

नैनीताल : उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय और महिला प्रौद्योगिकी संस्थान देहरादून में चल रही असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर नियुक्ति मामले पर नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. इस मामले में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार, केंद्र सरकार, कुलाधिपति, तकनीकी विश्वविद्यालय, एआईसीटीई, यूजीसी को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

तकनीकी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर नियुक्ति मामले पर सख्त हुआ हाईकोर्ट.

बता दें कि देहरादून निवासी संदीप कुमार व अन्य कुछ याचिकाकर्ताओं ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि तकनीकी विश्वविद्यालय और महिला प्रौद्योगिकी संस्थान में राज्य सरकार द्वारा बनाई गई प्रथम परी नियमावली वैध नहीं है. साथ ही इस याचिका में कहा गया कि देहरादून के महिला प्रौद्योगिकी संस्थान में निर्देशक द्वारा एआईसीटीई यूजीसी के मानकों के विरुद्ध नियुक्ति की जा रही है.

वहीं प्रोफेसर के पद पर निकाली गई विज्ञप्ति में आयु सीमा 35 वर्ष की गई है. याचिका में कहा गया कि ये राज्य सरकार, एआईसीटीई और यूजीसी के नियमों के विपरीत है. वहीं विज्ञप्ति में संविदा में कार्यरत पूर्व सेक्रेटरी को भी वेजेस नहीं दिया गया है. लिहाजा राज्य सरकार द्वारा कराई जा रही नियुक्ति व चयन प्रक्रिया को निरस्त किया जाए.

साथ ही याचिकाकर्ताओं का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा विशेषता अपर मुख्य सचिव तकनीकी द्वारा महिला तकनीकी संस्थान की निर्देशिका को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से यूजीसी एआईसीटीई और तकनीकी विश्वविद्यालय अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत परी नियमावली बनाई गई है.
इससे पहले भी मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट की एकलपीठ ने अंतरिम आदेश पारित कर नियुक्ति प्रकिया पर रोक लागई थी.

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