नैनीतालःउत्तराखंड हाईकोर्ट ने पंतनगर में नेशनल हाईवे नंगला और पंतनगर यूनिवर्सिटी की जमीन पर अतिक्रमण करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान सेक्रेटरी पीडब्ल्यूडी आरके सुधांशु, सेक्रेटरी अर्बन डेवलपमेंट शैलेश बगोली, जिलाधिकारी उधमसिंह नगर रंजना राजगुरु, एसएसपी उधमसिंह नगर दलीप सिंह कुंवर, गोविंद बल्लभ पंत यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार एके शुक्ला सहित सभी उच्चाधिकारी व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश हुए. अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि इस मामले पर अतिक्रमणकारियों को चिह्नित कर नोटिस जारी करने के साथ ही मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
उधमसिंह नगर डीएम रंजना राजगुरु ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अतिक्रमणकारियों के खिलाफ नोटिस जारी किया गया है. कई अतिक्रमणकारियों के खिलाफ एसडीएम द्वारा पीपी एक्ट (Public Premises Act) में नोटिस जारी होने के बाद मुकदमा भी दर्ज किया गया है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट से आग्रह किया कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी के तहत अतिक्रमणकारियों पर पेनाल्टी लगाई जाए.
3 हफ्ते में रिपोर्टः कोर्ट ने राज्य सरकार से 3 हफ्ते में प्रगति रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है. मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 3 हफ्ते बाद की तिथि नियत की है. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई.
रिपोर्ट में माना हुआ है अतिक्रमणः बता दें कि इससे पहले जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में माना था कि इन जगहों में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हुआ है. पंतनगर विश्वविद्यालय की भूमि पर 239 लोगों द्वारा अतिक्रमण किया गया है. इनमें से 109 लोगों ने नोटिस देने के बाद एसडीएम कोर्ट में वाद दर्ज किया है. नेशनल हाईवे पर 501 अतिक्रमण चिह्नित होने के बाद 270 लोगों ने एसडीएम कोर्ट में वाद दायर किया है. वन विभाग की भूमि पर 136 लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है. केस इंडियन फॉरेस्ट एक्ट के तहत डीएफओ तराई के अंतर्गत चल रहा है.
ये भी पढ़ेंः जसपुर अतिक्रमण मामले में नगर पालिका का नोटिस रद्द, HC का असेसमेंट का आदेश
बडे़ पैमाने पर हुआ अतिक्रमणः मामले के मुताबिक पंतनगर निवासी अमित पांडे ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उधमसिंह नगर के पंतनगर नगला नेशनल हाईवे और पंतनगर यूनिवर्सिटी की सरकारी भूमि पर पिछले कई सालों से अतिक्रमणकारियों ने अवैध रूप से निर्माण कर लिये हैं. नेशनल हाईवे की सड़क संकरी हो गई है. सड़क दुर्घटनाओं की आशंका बनी हुई है. पिछले कुछ सालों में सार्वजनिक संपत्ति पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण किया गया है.
याचिकाकर्ता ने मांग की है कि नेशनल हाईवे और पंतनगर यूनिवर्सिटी की भूमि से अतिक्रमण हटाया जाए. अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और उन्हें हटाया जाए.