उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / city

रिजर्व फॉरेस्ट भूमि पर चिदानंद के अतिक्रमण का मामला, याचिकाकर्ता ने मांगी मौका मुआयना की अनुमति

नैनीताल हाईकोर्ट में गुरुवार को वीरपुर खुर्द रिजर्व फॉरेस्ट की 35 बीघा भूमि पर चिदानंद मुनि द्वारा अतिक्रमण मामले में सुनवाई हुई. कोर्ट ने सुनवाई की अगली तिथि 10 दिन बाद नियत की है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने मौका मुआयना करने की अनुमति मांगी.

Nainital
नैनीताल

By

Published : Aug 5, 2021, 7:37 PM IST

नैनीतालःउत्तराखंड हाईकोर्ट ने ऋषिकेश के वीरपुर खुर्द रिजर्व फॉरेस्ट की 35 बीघा भूमि पर चिदानंद मुनि द्वारा किए गए अतिक्रमण के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की. हाईकोर्ट ने मामले पर 10 दिन बाद सुनवाई के लिए अगली तिथि नियत की है. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई.

गुरुवार को हाईकोर्ट ने वीरपुर खुर्द रिजर्व फॉरेस्ट की 35 बीघा भूमि से कोर्ट के आदेश होने के बाद भी पूर्ण रूप से अतिक्रमण नहीं हटाए जाने के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट को बताया कि पूर्व में कोर्ट ने उनकी जनहित याचिका में सरकार को निर्देश दिया था कि भूमि से तीन महीने के अंदर अतिक्रमण हटाया जाए. लेकिन सरकार द्वारा अभी तक इस भूमि से पूर्ण रूप से अतिक्रमण नहीं हटाया गया है. इसलिए उनको कोर्ट के आदेश का अनुपालन कराने हेतु अवमानना याचिका दायर करनी पड़ी है.

सरकार ने पेश किए सबूतः वहीं, सरकार द्वारा अपने शपथपत्र में कहा गया कि उन्होंने कोर्ट के आदेश का अनुपालन कर दिया है. वहां से अतिक्रमण हटा दिया गया है. उन्होंने अतिक्रमण हटाने की सभी फोटो अपने शपथपत्र के माध्यम से पेश कर दिए हैं.

आधे-अधूरे फोटोः वहीं इसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट को बताया गया कि जो फोटो कोर्ट में पेश किए गए हैं, वह आधे अधूरे हैं. लिहाजा उनको इस जगह का खुद मौका मुआयना करने की अनुमति दी जाए. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने सुनवाई के लिए दस दिन के बाद की तिथि नियत की है. पूर्व में जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान उनके द्वारा कोर्ट को बताया गया था कि चिदानंद ने इस भूमि पर सन् 2000 से कब्जा किया है. उनसे इस भूमि का मार्केट रेट के हिसाब से किराया वसूला जाए.

ये भी पढ़ेंः Kumbh Fake Covid Test: राज्य सरकार को झटका, प्रार्थना पत्र निरस्त

सरकार पर आरोपः याचिकाकर्ता द्वारा कोर्ट के संज्ञान में यह भी तथ्य लाया गया था कि जिस कंपनी को सरकार ने अवैध निर्माण तोड़ने के लिए 54 लाख का ठेका दिया था. उस कंपनी को सरकार दस लाख रुपये दे रही है. बाकि शेष धनराशि चिदानंद मुनि को वापस कर रही है. इससे स्पष्ट हो रहा है कि राज्य सरकार चिदानंद को लाभ देने के हक में है.

रसूखदारों से संबंधःमामले के मुताबिक हरिद्वार निवासी अर्चना शुक्ला ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि ऋषिकेश के वीरपुर खुर्द वीरभद्र में चिदानंद मुनि ने रिजर्व फॉरेस्ट की 35 बीघा भूमि पर कब्जा करके वहां पर 52 कमरे, एक बड़ा हाल और गौशाला का निर्माण कर रखा है. चिदानंद का रसूखदारों से संबंध होने के कारण वन विभाग व राजस्व विभाग द्वारा इसकी अनदेखी की जा रही है. कई बार प्रशासन व वन विभाग को अवगत कराया गया है. लेकिन किसी भी तरह की गतिविधियों पर रोक नहीं लगाई जा रही है. जिसके कारण उनको जनहित याचिका दायर करनी पड़ी है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details