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बंधुआ मजदूरों को HC से मिली बड़ी राहत, सरकार को दिए ये आदेश - Rs 20000 for bonded laborers

पंजाब से मुक्त कराए गए बंधुआ मजदूरों को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश नारायण सिंह धनिक की खंडपीठ ने डीएम हरिद्वार को प्रत्येक बंधुआ मजदूर को 20, 000 रुपए की आर्थिक सहायता देने के लिए आदेश दिए है.

बंधुआ मजदूरों को मिली हाई कोर्ट से राहत.

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Published : Apr 23, 2019, 1:11 PM IST

नैनीताल: बार ग्राम उद्योग समिति द्वारा पंजाब से मुक्त कराए गए बंधुआ मजदूरों को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश नारायण सिंह धनिक की खंडपीठ ने डीएम हरिद्वार को प्रत्येक बंधुआ मजदूर को 20, 000 रुपए की आर्थिक सहायता देने के लिए आदेश दिए है.

बता दें कि दिल्ली निवासी निर्मला गोराना बंधुआ मुक्ति मोर्चा द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया था कि ग्राम मोहनपुर रुड़की हरिद्वार के 18 बंधुआ मजदूरों को बार ग्राम उद्योग समिति द्वारा आलमवाला मोगा पंजाब से मुक्त कराया गया था.

साथ ही याचिकाकर्ता ने इस संबंध में 22 जून 2014 को डीएम हरिद्वार को पत्र लिखकर बंधुआ मजदूरों की देखभाल और खाने-पीने की व्यवस्था करने का अनुरोध किया था. लेकिन इस मामले में जिलाधिकारी ने कोई पहल नहीं की.

कोर्ट में याचिककर्ता ने कहा कि बंधुआ मजदूरों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था की जाए. साथ ही प्रदेश में बंधुआ मजदूरी में लगे बच्चों को मुक्त कराया जाए और सरकार द्वारा नियम बनाकर इनके पुनर्वास की व्यवस्था की जाए.

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वहीं, इस मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश एनएस धानिक की खंडपीठ ने राज्य सरकार को 11 अप्रैल तक स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने मुक्त कराये गए प्रत्येक बंधुआ मजदूर को 20,000 रुपए की सहायता राशि देने के आदेश दिए हैं.

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