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चुनाव में टैक्सियों के अधिग्रहण से संचालक परेशान, बोले- प्रशासन कर रहा उनका शोषण - payment of taxi operators

लोकसभा चुनाव में आरटीओ ने चुनाव ड्यूटी के लिए क्षेत्र की टैक्सियों का अधिग्रहण शुरू कर दिया है. जिसको लेकर टैक्सी मालिकों ने नाराजगी व्यक्त की है. उनका कहना है कि अभी से टैक्सियों को चुनाव ड्यूटी पर लगाए जाने से उनको भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.

आरटीओ ने चुनाव ड्यूटी के लिए क्षेत्र की टैक्सियों का अधिग्रहण शुरू कर दिया है.

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Published : Mar 25, 2019, 10:34 PM IST

मसूरी: लोकसभा चुनाव की तारीख नजदीक आते ही आरटीओ ने चुनाव ड्यूटी के लिए क्षेत्र की टैक्सियों का अधिग्रहण शुरू कर दिया है. जिसको लेकर टैक्सी मालिकों ने नाराजगी व्यक्त की है. उनका कहना है कि अभी से टैक्सियों को चुनाव ड्यूटी पर लगाए जाने से उनको भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.

चुनाव में टैक्सियों के अधिग्रहण से संचालक परेशान.


मसूरी टैक्सी एसोसिएशन के सचिव सुंदर सिंह पवार का कहना है कि, प्रदेश में पर्यटन सीजन शुरू होने वाला है. वहीं लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल को है. लेकिन आरटीओ द्वारा अभी से उनकी टैक्सियों का अधिग्रहण करना टैक्सी चालकों का शोषण है. साथ ही उनका कहना है कि, चुनाव ड्यूटी पर लगी टैक्सियों को लेकर प्रतिदिन 800 रुपए के साथ डीजल दिया जाता है, जो बहुत कम है. वहीं चुनाव आयोग द्वारा प्रत्याशियों को छोटी कारों के लिए 1500 रुपए और इनोवा जैसी कारों के लिए 3000 रुपए प्रतिदिन तय किया गया है. ऐसे में टैक्सी स्वामियों को भी इसी दर से भुगतान किया जाए ताकि टैक्सी स्वामियों को हो रहे आर्थिक नुकसान को कम किया जा सके.


परिवहन विभाग पर टैक्सियों का भुगतान देरी से करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव का भुगतान भी अभी तक नहीं हुआ है, जिससे साफ है कि टैक्सी स्वामियों का उत्पीड़न हो रहा है.
वहीं आरटीओ देहरादून अरविंद कुमार पांडे ने कहा कि, चुनाव आयोग द्वारा चुनाव होने के बाद भुगतान राशि जारी की जाती है. इसीलिए कभी-कभी भुगतान में देरी हो जाती है. लेकिन इस बार वह सुनिश्चित करेंगे कि टैक्सी ऑपरेटरों का भुगतान समयबद्ध तरीके से किया जाए.

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