मसूरी: जाने-माने संगीतकार बप्पी लाहिड़ी अब इस दुनिया में नहीं हैं. अब उनका संगीत लोगों को उनकी याद दिलाता रहेगा. बप्पी दा की यादें मसूरी से भी जुड़ी हैं. वो 2007 में मसूरी के नगर पालिका परिषद के द्वारा आयोजित ऑटम फेस्टिवल में शिरकत करने के लिये आए थे.
बप्पी लाहिड़ी को सुनने उमड़ी थी भीड़: मसूरी ऑटम फेस्टिवल में बप्पी लाहिड़ी को सुनने के लिए श्रोताओं का हुजूम उमड़ पड़ा था. मसूरी के सिल्वर्टन ग्राउंड में आयोजित ऑटम फेस्टिवल में आई भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस-प्रशासन को विशेष प्रबंध करने पड़े थे.
बप्पी दा ने सुनाए थे ये गाने: शरदोत्सव में बप्पी लाहिड़ी ने ‘याद आ रहा है तेरा प्यार’, ‘यार बिना चैन कहां रे’ और ‘तम्मा तम्मा लोगे’ सहित पांच हिट गीत गाए थे. उस वक्त सभासद रहे विनोद सेमवाल और रमेश भंडारी ने बताया उनके गाने सुनकर भीड़ बेकाबू हो गई थी. बड़ी मुश्किल से आयोजकों ने पुलिस-प्रशासन के सहयोग से व्यवस्था को संभाला था.
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होटल में हुआ था झमेला: बप्पी लाहिड़ी को मसूरी के उस समय के एक मात्र पांच सितारा होटल में ठहराया गया था. सुबह होटल से चेक आउट करते समय थोड़ा झमेला भी हुआ था. दरअसल नगर पालिका परिषद मसूरी ने होटल का बिल नहीं चुकाया था. इस कारण बप्पी लाहिड़ी को कुछ समय होटल में रोका गया था. पालिका के बिल देने के बाद बप्पी लाहिड़ी होटल से निकल पाये थे. इसको लेकर बप्पी लाहिड़ी नाराज भी हुए थे.
बप्पी लाहिड़ी का असली नाम अलोकेश लाहिड़ी था: बप्पी लाहिड़ी का असली नाम अलोकेश लाहिड़ी था. फिल्म इंडस्ट्री में उन्हें बप्पी लाहिड़ी के नाम से जाना जाता था. बप्पी लाहिड़ी का जन्म बंगाली परिवार में हुआ. उनके पिता अपरेश लाहिड़ी और मां बांसुरी लाहिड़ी थीं. दोनों ही शास्त्रीय संगीत और श्यामा संगीत में बंगाली गायक और संगीतकार थे. बप्पी उनके इकलौते बच्चे थे.