मसूरी: लंढौर बाजार की पहचान व शान डाकघर को हटाने के विरोध में व्यापार संघ अध्यक्ष रजत अग्रवाल के नेतृत्व में रोड जाम कर धरना दिया गया. स्थानीय लोगों व व्यापारियों का कहना है कि यह डाकघर 184 साल से भी अधिक समय से चल रहा है. इसकी स्थापना ब्रिटिश काल में की गई थी और यह लंढौर बाजार की आर्थिकी का भी केंद्र रहा है.
दरअसल, जिस मकान में डाकघर संचालित हो रहा था, उसके मालिक की डाक विभाग के साथ केस चल रहा था. मकान मालिक अपनी जमीन खाली कराने के लिए डाक विभाग के खिलाफ कोर्ट में गया था. डाक विभाग यह मुकदमा हार गया है. कोर्ट के आदेश के अनुसार डाक विभाग को परिसर खाली करना है. वर्तमान डाकघर में लगभग नौ हजार खाताधारक हैं.
डाकघर हटाने का विरोध: मसूरी शहर के लंढौर बाजार के डाकघर को हटाये जाने का स्थानीय नागरिकों व व्यापारियों ने विरोध शुरू कर दिया है. इसके तहत लंढौर बाजार मुख्य मार्ग को बंद कर बीच सड़क में व्यापारियों ने धरना दिया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि डाकघर को हटने नहीं दिया जायेगा. अगर हटा तो जनता आंदोलन करेगी.
184 साल पुराना है डाकघर: इस मौके पर व्यापार संघ के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि यह डाकघर 184 साल पुराना है. ये सालों से स्थानीय जनता, व्यापारियों व आसपास के ग्रामीणों को सेवा दे रहा है. लंढौर बाजार की आर्थिकी भी इससे जुड़ी है. लंढौर डाकघर में मसूरी के विभिन्न क्षेत्रों से या ग्रामीण क्षेत्रों से जो लोग आते हैं वह बाजार में खरीदारी भी करते हैं. इससे लंढौर बाजार का व्यवसाय चलता है. लेकिन अब यह भी हट गया तो बाजार की आर्थिकी पर इसका बुरा प्रभाव पडे़गा. उन्होंने कहा कि लंढौर क्षेत्र के विकास पर किसी का ध्यान नहीं है. जानबूझ कर लंढौर को बर्बाद किया जा रहा है.
मसूरी से शिफ्ट हो रही हैं कई धरोहरें: पहले पीपीसीएल गया. फिर सर्वे गया. अब डाकघर व दूरदर्शन केंद्र जा रहा है. ऐसे में लंढौर बाजार में बेरोजगारी फैल जायेगी. वहीं लगातार आर्थिकी प्रभावित होने के कारण अब यहां के दुकानदार पलायन को बाध्य हो गये हैं. आश्चर्य की बात है कि न ही सरकार व न ही पालिका द्वारा इस क्षेत्र के विकास के लिए कोई योजना बनाई गई है. यहां के युवा बेरोजगार घूम रहे हैं.
इस मौके पर व्यापारी परमजीत कोहली ने कहा कि डाकघर जो लंढौर की शान है, उसे हटा कर लंढौर की पहचान को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है. पहले घंटाघर तोड़ दिया. अब डाकघर जा रहा है. एक ओर सरकार कहती है कि दूर-दराज के क्षेत्र में डाकघर खोलें. वहीं जो है उसे हटाया जा रहा है. पहले चारदुकान का डाकघर हटाया गया. यह साजिश के तहत किया जा रहा है.
इस अवसर पर स्थानीय निवासी मिथिलेश रस्तोगी ने कहा कि घंटाघर के निकट डाक विभाग की जमीन है. वहां पर डाकघर का भवन क्यों नहीं बनाते. लेकिन अधिकारी किराये में कमीशन के चक्कर में ऐसा कर रहे हैं. लेकिन लंढौर क्षेत्र से डाकघर हटाया गया तो बड़ा आंदोलन किया जायेगा.