उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / city

मसूरी में कविता संग्रह लोंगिंग्स ऑफ लंढौर का लोकार्पण, निराशा से निकालेगी राघव और राज की किताब

मसूरी की मंगलवार की शाम शानदार थी. राघव एवं राज बिजल्वाण की लंढौर पर लिखी कविताओं के संग्रह लोंगिंग्स ऑफ लंढौर (Longings of Landour launched) का लोकार्पण हुआ. लोकार्पण बतौर मुख्य अतिथि सामाजिक कार्यकता एवं भाजयुमो की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा जोशी और मशहूर लेखक गणेश सैली ने किया.

Longings of Landour
लोंगिंग्स ऑफ लंढौर का लोकार्पण

By

Published : May 4, 2022, 7:58 AM IST

Updated : May 4, 2022, 9:44 AM IST

मसूरी:राघव एवं राज बिजल्वाण की लंढौर पर लिखी कविताओं के संग्रह लोंगिंग्स ऑफ लंढौर का लोकार्पण बतौर मुख्य अतिथि सामाजिक कार्यकता एवं भाजयुमो की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा जोशी और मशहूर लेखक गणेश सैली ने किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी जो इस युवा उम्र में निराशा में जी रही है, ऐसे में इन दोनों भाइयों ने अंग्रेजी कविताओं की यह पुस्तक लिख कर उनको भी प्रेरणा दी है.

लंढौर की पुरानी यादें संजोने का प्रयास: नगर पालिका सभागार में राघव एवं राज बिजल्वाण की पुस्तक लोंगिंग्स ऑफ लंढौर के लोकार्पण के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि नेहा जोशी ने कहा कि मसूरी को पूरे विश्व में बड़े गर्व से जाना जाता है. लेकिन समय के साथ आये बदलाव के चलते इन दोनों भाइयों ने मसूरी विशेष कर लंढौर की पुरानी यादों को संजोने का प्रयास किया है. वहीं आने वाले समय में इसे कैसे बचाया जा सकता है, इसके पुराने अस्तित्व व पौराणिकता को कैसे बचाया जा सकता है, इसकी चिंता अपनी कविताओं के माध्यम से की है. उनकी यह पुस्तक समाज को दिशा देगी.

कविता संग्रह लोंगिंग्स ऑफ लंढौर का लोकार्पण

उन्होंने लव लोंगिंग व होप की बात की है. उनकी यह सोच उनकी प्रतिभा का परिचय देती है जो एक चुनौती है. लंढौर को बचाने के लिए सिर्फ सरकारी तंत्र और राजनेता ही प्रयास नहीं कर सकते यह सामाजिक जिम्मेदारी भी है. सभी को इस पर मंथन करना होगा. नेहा जोशी ने कहा कि मसूरी का अस्तित्व रहेगा तो मसूरी रहेगी. अगर नहीं रहेगा तो मसूरी खो जायेगी.

लोंगिंग्स ऑफ लंढौर में 135 कविताएं: इस मौके पर राज एवं राघव ने पुस्तक के बारे में बताया कि इस पुस्तक में 135 कविताएं व दो लेख हैं. उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में मसूरी के स्वर्णिम इतिहास को बताने का प्रयास किया गया है. जिसे संजोये रखने की जरूरत है. पुस्तक में निराशा को उम्मीद में बदलने के लिए प्रेरित करने का प्रयास किया गया है. उन्होंने बताया कि इस पुस्तक को लिखने में छह साल लगे हैं. इसमें लंढौर के गौरवशाली इतिहास, अतीत व वर्तमान को जोड़ा गया है. मसूरी के इतिहास को बचाने के लिए आगे आना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि इस पुस्तक को उन्होंने अपने दादा प्रेम दत्त बिजल्वाण को समर्पित किया है.

ये भी पढ़ें: परिवार के साथ मसूरी पहुंचे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, पत्नी के साथ मालरोड पर की चहलकदमी

इस मौके पर मशहूर लेखक गणेश सैली, पूर्व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल, पूर्व आईजी मनोरंजन त्रिपाठी ने भी अपने विचार रखे. सभी ने राघव व राज सहित पूरे परिवार को बधाई दी. कहा कि उनके होनहार बच्चों ने यह पुस्तक लिख कर मसूरी वासियों को इसके गौरवशाली इतिहास को बताने व लोगों को जगाने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि वास्तव में आज मसूरी बदल रही है. इसका पुराना स्वरूप समाप्त हो रहा है. ऐसे में प्रयास करना होगा कि मसूरी के गौरव को बचाया जाये. अंत में भाजपा मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल ने सभी का आभार व्यक्त किया.

Last Updated : May 4, 2022, 9:44 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details