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संघर्षों से लड़ कर लिखी सफलता की कहानी, 39 दिनों में टाइन मीना ने एवरेस्ट किया फतह - एवरेस्ट विजेता टाइन मीना

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए पर्वतारोही टाइन मीना ने अपने अनुभवों को साझा किया. टाइन मीना ने बताया कि वे अरुणाचल प्रदेश की पहली महिला है जिन्होंने वर्ष 2011 में माउंट एवरेस्ट फतह किया था. टाइन मीना कहती हैं कि किसी भी काम को करने के लिए इंसान के अंदर आत्मविश्वास होना बहुत जरूरी है

मसूरी में आयोजित किया गया मसूरी माउंटेन फेस्टिवल.

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Published : Mar 8, 2019, 11:00 PM IST

मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में इन दिनों मसूरी माउंटेन फेस्टिवल आयोजित किया जा रहा है. माउंटेन फेस्टिवल के दूसरे दिन एवरेस्ट फतह करने वाली पर्वतारोही टाइन मीना को सम्मानित किया गया. अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली टाइन मीना ने साल 2011 में एवरेस्ट फतह किया था. इस दौरान फेस्टिवल के निर्देशक के कृष्णन कुट्टी और प्रिंसिपल जोनाथन ने टाइन मीना पर लिखी किताब का लोकार्पण किया.


इस मौके पर ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए पर्वतारोही टाइन मीना ने अपने अनुभवों को साझा किया. टाइन मीना ने बताया कि वे अरुणाचल प्रदेश की पहली महिला है जिन्होंने वर्ष 2011 में माउंट एवरेस्ट फतह किया था. टाइन मीना कहती हैं कि किसी भी काम को करने के लिए इंसान के अंदर आत्मविश्वास होना बहुत जरूरी है.

मसूरी में आयोजित किया गया मसूरी माउंटेन फेस्टिवल.


टाइन मीना ने कहा कि गरीब परिवार से होने के बाद भी उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी और 39 दिनों में एवरेस्ट फतह किया. पर्वतारोही टाइन मीना ने बताया कि एवरेस्ट फतह करते समय कई चुनौतियां उनके सामने आई जिनका उन्होंने डटकर मुकाबला किया. टाइन मीना कहती हैं कि आज महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं. सभी महिलाओं को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामना देते हुए उन्होंने कहा किसी भी कार्य को करने के लिए सही रास्ता चुनने की जरूरत है.


माउंट एवरेस्ट के बारे में बोलते हुए मीना ने कहा उन्होंने कठिन और विपरित परिस्थितियों में एवरेस्ट फतह किया. उन्होंने बताया कि एक बार तो उन्हें लगा कि वे वहां से वापस नहीं आ पाएंगी, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. नतीजन कड़ी मेहनत और बुलंद हौसले के दम पर उन्होंने एवरेस्ट फतह किया.

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