मसूरी:मसूरी पुनर्गठन पेयजल योजना के तहत यमुना-मसूरी पंपिंग योजना के अंतर्गत नगर में पेयजल लाइन बिछाने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. 85 किलोमीटर लंबी इस योजना के अंतर्गत सुवाखोली, हाथीपांव, भट्टा गांव और कोल्हूखेत तक पेयजल लाइन बिछाई जानी है. वहीं, छावनी परिषद क्षेत्र में अनुमति न मिलने के कारण वहां अभी लाइन बिछाने का कार्य शुरू नहीं किया गया है. यह परियोजना केंद्र सरकार द्वारा 125 करोड़ रुपए की लागत से बनाई जा रही है.
पर्यटन नगरी मसूरी में पानी की लंबे समय से किल्लत चल रही है, विशेष कर पर्यटन सीजन के दौरान पानी की कमी के कारण पेयजल संकट गहरा जाता है. जिसके कारण पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं, मसूरी विधायक गणेश जोशी व राज्यसभा सांसद के प्रयास से केंद्र सरकार ने मसूरी के लिए 125 करोड़ रुपए की लागत से मसूरी यमुना पंपिंग योजना की सौगात दी है. जिसके तहत 27 जनवरी 2020 को पेयजल लाइन बिछाने का कार्य शुरू किया हो गया था.
वहीं, इस योजना के तहत 11.7 एमएलडी पानी के भंडारण की क्षमता बनाई जानी है. पेयजल निर्माण निगम को इस परियोजना का निर्माण कार्य सौंपा गया है. इंजीनियर जयपाल सिंह शेखावत ने बताया कि इस योजना को 14 क्षेत्रों में बांटा गया है, जिसमें छह क्षेत्रों का कार्य लगभग 95 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और बाकी आठ क्षेत्रों का कार्य प्रगति पर है. उन्होंने बताया कि 26 जनवरी 2022 तक योजना को पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है. इन दिनों टैंक बनाने व यमुना नदी में योजना का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है.