उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / city

शादियों के सीजन में बैंक्वेट ह़ॉल बिजनेस का बजा बैंड, व्यवसाइयों ने सरकार से राहत देने की मांग की - बैंक्विट हॉल में बैठक की

देश में जारी लॉकडाउन के कारण सभी तरह की व्यवसायिक गतिविधियां ठप पड़ गई हैं. बैंक्वेट हॉल, कैटरिंग, टेंट, लाइट, डीजे जैसे व्यवसाय के लोगों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. इन सभी व्यवसायों से जुड़े लोगों ने हरिद्वार के एक बैंक्विट हॉल में बैठक कर सरकार से राहत देने की मांग की.

haridwar news
शादी समारोह से जुड़े व्यवसायी परेशान.

By

Published : May 21, 2020, 7:51 PM IST

हरिद्वार: देश में जारी लॉकडाउन के कारण सभी तरह की व्यवसायिक गतिविधियां ठप पड़ गई हैं. लॉकडाउन के चौथे चरण में सरकार ने कई व्यवसायों को थोड़ी राहत दी है, लेकिन अभी भी कुछ ऐसे व्यवसाय हैं जिनका काम पूरी तरह रुका हुआ है. इन व्यवसायों में बैंक्वेट हॉल, कैटरिंग, टेंट, लाइट, डीजे जैसे व्यवसाय शामिल हैं. इन व्यवसाय के लोगों को लॉकडाउन में ढील मिलने के बावजूद भी कोई राहत नहीं मिली है.

बैंक्वेट हॉल, कैटरिंग, टेंट, लाइट, डीजे जैसे व्यवसायों से जुड़े लोगों ने हरिद्वार के एक बैंक्वेट हॉल में बैठक की और सरकार से मांग की. उनका कहना है कि अन्य व्यवसायी क्षेत्रों की तरह उन्हें भी आर्थिक पैकेज का लाभ मिलना चाहिए. शादी समारोह के व्यवसाय से बड़ी संख्या में लोग जुड़े हुए हैं. अगर जल्दी ही सरकार ने उन्हें राहत नहीं दी तो उनके सामने बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो जाएगा. इसके लिए सभी व्यवसायी मिलकर जल्दी ही मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी भेजेंगे.

शादी समारोह से जुड़े व्यवसायी परेशान.

यह भी पढ़ें:देहरादून की निरंजनपुर सब्जी मंडी में आढ़ती कोरोना पॉजिटिव, राजधानी में आंकड़ा पहुंचा 50

शादी विवाह से जुड़े कारोबारियों ने केंद्र और राज्य सरकार से राहत पैकेज दिए की मांग की है. एक निजी बैंक्वेट हॉल में जिलेभर से आए बैंक्वेट हॉल और टेंट कारोबार से जुड़े लोगों ने बैठक कर सरकार द्वारा शादी में पचास लोगों की अनुमति के फैसले का विरोध किया. इन कारोबारियों का कहना है कि लॉकडाउन में शादी विवाह जैसे समारोह बंद होने से उनके साथ जुड़े हलवाई, बैंड, फूल, लाइट डेकोरेशन और घोड़ा-बग्गी जैसे तमाम छोटे-बड़े कारोबारी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं.

कोरोना के दौर में सरकार की पॉलिसी भी साफ नहीं हो पा रही है. उन्होंने चेतावनी भी दी है कि जल्द ही सरकार उन्हें आर्थिक पैकेज देने की घोषणा नहीं करती तो देशभर में उनके कारोबार से जुड़े बीस करोड़ लोगों को सड़कों पर उतरने पर मजबूर होना पड़ेगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details