हरिद्वार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट नमामि गंगे को शुरू हुए 5 साल हो गए हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने हरिद्वार में इस प्रोजेक्ट की धरातलीय हकीकत जानने की कोशिश की. ईटीवी भारत ने गंगा की वास्तविक स्थिति और इसकी तस्वीर बदलने के लिए किये गये प्रयासों को लेकर धर्मनगरी के साधु-संतों, समाजसेवियों और स्थानीय लोगों से बात की. आईये आपको बताते हैं कि इस बातचीत में क्या कुछ निकलकर सामने आया.
धर्मनगरी में क्या है पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट की हकीकत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट नमामि गंगे का रियलिटी चेक करते हुए सबसे पहले हमने यहां के साधु-संतों से बात की जिनका जीना-मरना ही गंगा से जुड़ा है. हरिद्वार के साधु-संतों ने बातचीत में बताया कि गंगा को साफ करने के लिए सरकार केवल कानून बना सकती है, स्वच्छ करने के लिए पैसा दे सकती है. लेकिन योजना का क्रियान्वयन बिना जनता के संभव नहीं है.उनका कहना था कि आम जनमानस को गंगा के प्रति जागरुक होना होगा. जिसके बाद गंगा को वाकई में साफ किया जा सकता है.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए साधु-संत इस योजना के पक्ष में नजर आये. इन लोगों का कहना था कि बिना लोगों के सहयोग के सरकार कुछ नहीं कर सकती है. साधु-संतों ने कहा कि गंगा को स्वच्छ रखने के लिए सभी को प्रयास करने होंगे.
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वहीं समाजसेवी जेपी बडोनी की इस बारे में अलग राय है. उन्होंने कहा कि सरकार का विजन गंगा को साफ करना नहीं है. सरकार के अधिकांश कर्मचारी व अधिकारी गंगा के नाम पर आ रहे बजट की बंदरबांट करने में लगे हुए हैं. जिससे गंगा की तस्वीर और धुंधली होती जा रही है. उन्होंने कहा कि जब तक बंदरबांट की ये सोच नहीं बदलेगी तब तक गंगा साफ नहीं हो सकती है.
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गंगा के लिए काम करने वाले प्रेमी शिखर पालीवाल का कहना है कि पीएम मोदी का ये धीरे-धीरे सफलता की ओर बढ़ रहा है. शिखर पालीवाल के अनुसार 2020 तक गंगा का जल पीने योग्य हो जाएगा. पालीवाल मानते हैं कि जिस तरीके से गंगा के जल का ट्रीटमेंट नमामि गंगे प्रोजेक्ट के माध्यम से चल रहा है उससे आने वाले सालों में हरिद्वार में भी गंगा का जल आचमन योग्य हो जायेगा.
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वहीं नमामि गंगे के डिप्टी डायरेक्टर रोजी अग्रवाल ने कहा गंगा की सफाई को लेकर ये सवाल उनसे बार-बार पूछा जाता है कि गंगा कब तक साफ हो जाएगी.उन्होंने बताया की इसका जवाब यह है कि गंगा की सफाई उसी तरह से है जिस तरह हम अपने घर की सफाई करते है. उन्होंने कहा कि अगर हम गंगा को स्वच्छ और निर्मल देखना चाहते हैं तो हम सभी को मिलकर काम करना होगा. रोजी अग्रवाल ने कहा कि गंगा सफाई को लेकर केंद्र सरकार लगातर प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा केंद्र सरकार गंगा किनारे घाट, मोक्ष धाम, जल संरक्षण, पेड़ लगाने जैसे कार्यक्रम चला रही है. जिससे गंगा को साथ ही उसके घाटों का भी सौंदर्यीकरण किया जा सके.
सभी लोगों से बातचीत करने के बाद ईटीवी भारत संवाददाता ने खुद इस योजना की हकीकत को जानने के लिए गंगा घाटों का दौरा किया. जिसमें पाया गया कि केंद्र सरकार की ओर से लगातार गंगा की स्वच्छता के लिए प्रयास किये जा रहे हैं. घाटों की स्वच्छता से लेकर उनके सौंदर्यीकरण के लिए हर तरह के कदम उठाये जा रहे हैं. हालांकि कई जगहों पर अभी भी गंगा की स्थिति को सुधारने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं.