उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / city

जगद्गुरु रामानंदाचार्य हंसदेवाचार्य के निधन से राम मंदिर निर्माण की उम्मीदों को लगा झटका, संत समाज हुआ निराश - संत समाज

अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए महत्वपूर्ण कड़ी बने अखिल भारतीय संत समिति के अध्यक्ष और जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी हंस देवाचार्य के आंख आकस्मिक निधन से राम मंदिर निर्माण की मुहिम को तगड़ा झटका लगा है .

जगद्गुरु रामानंदाचार्य हंसदेवाचार्य की अंतिम यात्रा.

By

Published : Feb 24, 2019, 5:33 AM IST

हरिद्वार:राम मंदिर निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी हंस देवाचार्य के आकस्मिक निधन से राम मंदिर निर्माण की मुहिम को तगड़ा झटका लगा है. हंस देवाचार्य प्रयागराज कुंभ में धर्म संसद के आयोजन के बाद हरिद्वार और दिल्ली में राम मंदिर को लेकर कार्यक्रम करने वाले थे. लेकिन उससे पहले ही उनका निधन हो गया. जिससे अब राम मंदिर पर आम सहमति बनाने के प्रयास धीमे पड़ सकते हैं. संतों का भी मानना है कि उनके चले जाने से राम मंदिर निर्माण में रुकावट आएगी.

अखिल भारतीय संत समिति के अध्यक्ष और जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी हंस देवाचार्य अचानक यूं ही चले जाएंगे किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा.राम मंदिर निर्माण को लेकर हंस देवाचार्य सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे.प्रयाग कुंभ के दौरान भी वे राम मंदिर निर्माण अभियान में जुटे हुए थे. उनकी पहल पर ही धर्म संसद का आयोजन किया गया था.

जगद्गुरु रामानंदाचार्य हंसदेवाचार्य की अंतिम यात्रा.


कुंभ के बाद हंस देवाचार्य राम मंदिर को लेकर बड़ी मुहिम चलाने जा रहे थे. कहा जा रहा है कि राम मंदिर अभियान के लिए उन्हें पीएम का भी समर्थन मिला हुआ था. लेकिन उनके यूं अचानक चले जाने से संत-समाज क्षुब्ध हैं. संतों का कहना है कि स्वामी जी भले ही चले गए हों मगर अब हम सभी संतों को मिलकर राम मंदिर बनाना है. उन्होंने कहा कि स्वामी जी का निधन राम मंदिर अभियान की बहुत बड़ी क्षति है .


आज स्वामी हंस देवाचार्य के आकस्मिक निधन उनके अंतिम संस्कार में श्रद्धांजलि देने वालों की भारी भीड़ जुटी. इस दौरान उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उनके निधन से राम मंदिर निर्माण की कोशिशों को झटका लगा है. रावत का कहना है कि वह मुझसे अक्सर राम मंदिर पर बात किया करते थे.वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने भी उनके निधन को अपूर्ण क्षति बताया. उन्होंने कहा 3 दिन पहले ही उनसे बात हुई थी. तब उन्होंने प्रयाग से वापस आकर राम मंदिर निर्माण के लिए हरिद्वार और दिल्ली में बड़ी बैठक करने की जानकारी दी थी.


विहिप के नेता रहे अशोक सिंहल के जाने के बाद जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी हंस देवाचार्य राम मंदिर निर्माण की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी थे. वे ही राम मंदिर निर्माण के लिए उचित माहौल बनाने में लगे थे. साथ ही वे इस मामले को लेकर लगातार पीएम मोदी के संपर्क में भी थे. लेकिन यूं हुए उनके निधन से पूरे संत समाज के साथ ही राम मंदिर निर्माण की उम्मीदों को भी बड़ा झटका लगा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details