हरिद्वार: वैसे तो धर्म नगरी हरिद्वार मां गंगा के लिए विश्व प्रसिद्ध है, लेकिन इस धर्मनगरी की रक्षा के लिए यहां के प्रवेश द्वारों पर शहर के कोतवाल अर्थात भगवान शनिदेव के मंदिर स्थापित किए गए हैं. इनकी मान्यता काफी अधिक है. प्रत्येक शनिवार को यहां सुबह से देर रात तक श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है.
25 साल पहले स्थापित हुआ शनि धाम: हरिद्वार में सबसे पहला शनि भगवान का मंदिर 25 साल पहले बहादराबाद क्षेत्र में स्थापित किया गया था. इसके बाद शहर के आठ प्रवेश द्वारों पर शनि देव के मंदिरों की विधिवत स्थापना की गई है.
शनि धाम स्थापना के बाद रुक गए सड़क हादसे: बताया जाता है कि बहादराबाद-हरिद्वार मार्ग पर पच्चीस साल पहले तक काफी सड़क दुर्घटनाएं हुआ करती थीं. इसे देखते हुए सबसे पहले इसी मार्ग पर सिद्ध शनि धाम स्थापित किया गया. बताया जाता है कि इसके बाद इस मार्ग पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं और उसमें जाने वाली जानों के आंकड़े में काफी कमी आ गई. इसी के बाद हरिद्वार के तमाम प्रवेश द्वारों पर कुल आठ शनि देव मंदिर स्थापित किए गए. मान्यता है कि शनि भगवान प्रवेश द्वारों पर स्थापित होकर पूरे शहर की स्वयं न केवल रक्षा करते हैं, बल्कि लोगों को न्याय भी दिलाते हैं.
हर शनिवार को जुटती है भीड़: इस सिद्ध शनि धाम की मान्यता इतनी है कि प्रत्येक शनिवार को यहां तड़के से ही महाराष्ट्र से लाकर स्थापित की गई शनि शिला पर तेल व तिल चढ़ाने वालों का तांता लगता है. दोपहर में यहां विशाल भंडारे का आयोजन होता है. शाम को कीर्तन के बाद विशेष पूजा देर रात तक आयोजित की जाती है.
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