हरिद्वार:मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जा रहा है. पंचांग के अनुसार इस दिन पौष मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है. इस दिन सूर्य का राशि परिवर्तन होगा और धनु राशि से सूर्य निकल कर मकर राशि में आ जाएंगे. इस दिन विशेष योग भी बन रहा है. इसलिए इस वर्ष की मकर संक्रांति कई मायनों में विशेष और शुभ है. मकर राशि में सूर्य, शनि, गुरु, बुध और चंद्रमा के साथ विराजमान रहेंगे.
अगर आप हरिद्वार में आस्था की डुबकी लगाने आ रहे हैं, तो ईटीवी भारत आपको बता रहा है कि हरिद्वार के ऐसे वह प्रमुख कौन से घाट हैं ? जहां पर आप डुबकी लगाकर पापों से मुक्ति पा सकते हैं. वैसे तो हरिद्वार के कण-कण में भगवान और हर घाट घाट से बहने वाली गंगा मोक्षदायिनी है, लेकिन 5 घाटों का हरिद्वार में विशेष महत्व बताया गया है. हम आपको उन 5 घाटों के बारे में विस्तार से बताते हैं. मकर संक्रांति और हरिद्वार महाकुंभ के अवसर पर लाखों करोड़ों श्रद्धालु स्वर्ग के द्वार यानी हरिद्वार में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचेंगे. हरिद्वार में जगह-जगह श्रद्धालुओं को गंगा स्नान के लिए व्यवस्था करवाई जा रही है. हरिद्वार में सभी घाटों का अपना अलग महत्व है, जिनमें से 5 घाट जो प्रमुख हैं. वह हैं ब्रह्मकुंड, नारायणी स्रोत, विष्णु घाट शिला, कुशावर्त घाट और रामघाट.
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ब्रह्मकुंड
ब्रह्मकुंड को हर की पौड़ी भी कहा जाता है. कहा जाता है कि यहां पर डुबकी लगाने से करोड़ों जन्मों का पुण्य प्राप्त होता है और मोक्ष की प्राप्ति भी होती है. मान्यता है कि यहीं पर समुंद्र मंथन के दौरान अमृत की बूंदें कलश से छलक कर गिरीं थीं. यहां स्नान करने से अर्थ काम मोक्ष और धर्म चारों की प्राप्ति हो जाती है. शास्त्रों में कहा गया है कि इस स्थान पर स्नान करने से कभी भी मनुष्य की अकाल मृत्यु नहीं होती. उसके परिवार में कोई भी महिला विधवा नहीं होती.
नारायणी स्रोत