हरिद्वार: मकर संक्रांति के स्नान पर रोक लगाए जाने पर हरिद्वार के व्यापारी नाराजगी जता रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि लंबे समय से हरिद्वार का व्यापार ठप पड़ा हुआ है. ऐसे में मकर संक्रांति जैसे महत्वपूर्ण गंगा स्नान पर प्रतिबंध लगाए जाने से व्यापारी वर्ग को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. व्यापारियों का कहना है कि प्रशासन को एकतरफा फैसला ना लेते हुए स्नान के लिए व्यवस्था बनानी चाहिए. लोगों से नियमों का पालन कराते हुए स्नान को खोलना चाहिए.
आपको बता दें कि 14 जनवरी को होने वाले मकर संक्रांति के गंगा स्नान पर प्रशासन ने रोक लगा दी है. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रशासन ने एहतियातन ये कदम उठाया है. वहीं दूसरी ओर हरिद्वार पुलिस बॉर्डर पर मकर संक्रांति के स्नान के लिए हरिद्वार आ रहे यात्रियों को वापस लौटा रही है.
स्नान पर बैन से व्यापारी नाराज व्यापारियों का कहना है कि पिछले 2 सालों से कोरोना के कारण व्यापार बुरी तरह से ठप पड़ा हुआ है. ऐसे में नए साल का पहले मकर संक्रांति के स्नान को प्रतिबंधित करना कहीं ना कहीं व्यापार ही नहीं बल्कि सभी क्षेत्रों को प्रभावित करेगा. इससे हरिद्वार आने वाले यात्रियों में भी भय का माहौल रहेगा. यात्री स्नान के बाद भी आने में कतराएंगे.
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व्यापारियों का कहना है कि इसलिए इस तरह के स्नान पर्व को प्रतिबंधित करने की जगह कोरोना के दिए गए नियमों के साथ छूट देनी चाहिए. हरिद्वार में घाटों की कमी नहीं है. प्रशासन चाहे तो सभी घाटों का उपयोग करके स्नान को सकुशल संपन्न करवा सकता है. लेकिन प्रशासन को तो आराम फरमाने की आदत इस कोरोनावायरस काल में पड़ गई है.