हरिद्वारः केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक नमामि गंगे परियोजना पर ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने सवाल खड़े किए हैं. पिछले 122 दिनों से गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए आमरण अनशन पर बैठे मातृ सदन के ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने ये आरोप ऐसे समय लगाए, जबकि 5,894 करोड़ की 9 विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग एवं नमामि गंगे परियोजना का शिलान्यास एवं लोकार्पण करने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी हरिद्वार पहुंचे थे.
नमामि गंगे परियोजना पर आत्मबोधानंद ने सवाल खड़े किए.
उनका कहना था कि केंद्रीय मंत्री गडकरी ने अपने दौरे के दौरान मातृ सदन, जोकि लंबे समय से गंगा की सफाई को लेकर अभियान चल रहा है, नहीं आए. ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने कहा है की नितिन गडकरी केवल ठेकेदारी जानते हैं ना उनको गंगा के प्रति सम्मान है ना ही साधु-संतों के प्रति.
वह केवल पैसे का बंदरबांट करने में लगे हुए हैं. इशारों-इशारों में उन्होंने कहा कि गंगा सफाई पर सरकार की नीयत ठीक नहीं है.
हरिद्वार स्थित मातृ सदन आश्रम द्वारा पिछले कई सालों से गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए कई अभियान चल रहे हैं.
गंगा को निर्मल बनाने के लिए संसद में गंगा विधेयक लाने की मांग को लेकर 111 दिनों का अनशन करते हुए स्वामी सानंद ने अपने प्राण त्याग दिए थे. हाल ही में गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी हरिद्वार पहुंचे थे, जहां उन्होंने गंगा पर सरकार की काफी पीठ थपथपाई लेकिन अपने पूरे वक्तव्य में ना तो स्वामी सानंद का जिक्र किया ना ही ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद. ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने कहा कि आखिर वह हमसे मिलने क्यों आएंगे हम उनकी ठेकेदारी में बाधक हैं.
गडकरी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मार्च 2020 तक गंगा पूरी तरह से अविरल और निर्मल हो जाएगी. नितिन गडकरी के इस बयान पर आत्मबोधानंद ने कहा कि गंगा जी का असली बहाव को ये लोग पूरी तरह से साफ (खत्म) कर देंगे और गंगाजी के पानी को पहुंचा देंगे फैक्ट्रियों में. उन्होंने कहा कि आज सरकार गंगा की असली समस्या की बजाय लोगों को इधर उधर पैसे का खर्च दिखाकर भटकाने का काम कर रही है.