हरिद्वार: राज्य गठन के बाद से ही उत्तराखंड वन महकमा हमेशा से ही चर्चा में रहा है. समय-समय पर सामने आए घोटालों ने महकमे की साख और कार्यप्रणाली पर बट्टा लगाने का काम किया है. ताजा मामला हरिद्वार वन प्रभाग की रसीयाबड़ रेंज से जुड़ा हुआ है. ऋषिकेश के आरटीआई कार्यकर्ता ने जब यहां हुए कार्यों की जानकारी मांगी तो वन महकमे में हड़कंप मच गया. विनोद कुमार जैन को जो सूचना मिली उसके तहत इस रेंज के रेंजर ने कैम्पा योजना के तहत नकद भुगतान कर एक करोड़ रुपये से ऊपर की हेराफेरी की है.
सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के मुताबिक वन एवं पर्यावरण अधिनियम के तहत किसी भी तरीके का नकद भुगतान नहीं किया जा सकता. बावजूद इसके रसियाबड़ यूनिट के अधिकारी ने पिछले 4 वर्षो में एक करोड़ रुपये से अधिक का नकद भुगतान किया. RTI कार्यकर्ता का कहना है कि इतना बड़ा खेल जिले में बैठे महकमे के उच्चाधिकारियों के मिलीभगत के संभव नहीं हो सकता, जिसकी शिकायत कई बार आलाधिकारियों के साथ वन प्रमुख से भी की गई, मगर अभी तक इस मामले को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई.