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गर्मी बढ़ने से गौला बैराज में गहराया जल संकट, 10 क्यूसेक कम हुआ पानी - Haldwani News

इन दिनों गर्मी अपने चरम पर है. गर्मी के चलते काठगोदाम स्थित गौला बैराज का पानी तेजी से कम हो रहा है. बात अगर वर्तमान समय की करें तो गौला नदी में 64 क्यूसेक पानी ही शेष बचा है. अधीक्षण अभियंता कैलाश जोशी का कहना है कि पिछले तीन दिनों में गौला बैराज का पानी 10 क्यूसेक कम हो गया है.

गौला बैराज में गहराया जल संकट.

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Published : May 31, 2019, 8:10 PM IST

हल्द्वानी:गर्मी बढ़ने के साथ ही प्रदेश में एक बार फिर से जल संकट गहराने लगा है. हल्द्वानी की लाइफ लाइन ने नाम से जाने वाला गौला बैराज भी इससे अछूता नहीं रहा. यहां भी गर्मी बढ़ने के साथ ही जलस्तर कम होने लगा है. जिसके चलते हल्द्वानी में पेयजल और सिंचाई का संकट गहराने लगा है. गौला बैराज में सामान्यत: 450 क्यूसेक पानी होता है जो कि अब 64 क्यूसेक ही रह गया है. अगर जल्द ही पहाड़ों में बरसात नहीं होती है तो गौला बैराज पूरी तरह से सूख जाएगा. जिससे पानी का संकट और गहरा जाएगा.

गौला बैराज में गहराया जल संकट.

इन दिनों गर्मी अपने चरम पर है. गर्मी के चलते काठगोदाम स्थित गौला बैराज का पानी तेजी से कम हो रहा है. बात अगर वर्तमान समय की करें तो गौला नदी में 64 क्यूसेक पानी ही शेष बचा है. अधीक्षण अभियंता कैलाश जोशी का कहना है कि पिछले तीन दिनों में गौला बैराज का पानी 10 क्यूसेक कम हो गया है.

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उन्होंने बताया कि अगर इसी तरह गर्मी बढ़ती रही तो आने वाले दो हफ्तों में पेयजल संकट गहरा जाएगा. उन्होंने बताया कि पेयजल के लिए गौला बैराज से 30 क्यूसेक और सिंचाई के लिए 34 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. गौला बैराज से वर्तमान में चार नहरों में पानी छोड़ा जा रहा है. इसके अलावा बैराज से कटघड़िया, लालकुआं, देवलचौड़ और गौलापार इलाकों के लिए सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जाता है.

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कैलाश जोशी ने कहा कि बैराज का लगातार कम होता जलस्तर वाकई में चिंता का विषय है. जलस्तर कम होने से गौलापार के फल पट्टी क्षेत्र में सिंचाई का संकट गहरा गया है. जिससे किसानों की फसल और मिट्टी की उर्वरा शक्ति कमजोर हो रही है. हर साल सिंचाई और पेयजल के संकट को देखने के बावजूद न तो जमरानी बांध बनाने का प्रयास किया जा रहा है और न ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है. आने वाले सालों में अगर ऐसी ही स्थिति रही तो हल्द्वानी और उसके आसपास के क्षेत्रों में लोग सिंचाई और पीने के पानी के लिए तरसने लगेंगे.

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