हल्द्वानी: गौलापार क्षेत्र का विजयपुर गांव डबल इंजन सरकार और प्रशासन की बेरुखी झेल रहा है. इस गांव के लोग अपनी जान जोखिम में डालकर सूखी नदी पार करने को मजबूर हैं. ग्रामीणों का कहना है कि गांव से शहर जाने के लिए इस नदी को पार करने के अलावा कोई और दूसरा रास्ता नहीं है. तेज बहाव वाली इस नदी को पार करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
वहीं, ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि स्थानीय विधायक और शासन-प्रशासन से कई बार पुल बनाने की मांग की गई, बावजूद इसके अब तक इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
बता दें कि हल्द्वानी से मात्र 7 किलोमीटर दूर स्थित विजयपुर गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. इस गांव को शहर से जोड़ने वाले रास्ते में सूखी नदी पड़ती है. इस नदी का नाम सूखी इसलिए पड़ा क्योंकि ये नदी सालभर सूखी पड़ी रहती है. लेकिन बरसात के महीनों में ये नदी उफान पर आ जाती है. जिसके चलते ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
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स्कूली बच्चों का कहना है कि नदी पार करते वक्त किताबें, जूते सहित कई सामान नदी के बहाव में बह जाते हैं. जिसके चलते उनके माता-पिता को दोबारा सारी चीजें खरीदनी पड़ जाती हैं. साथ ही बच्चों ने कहा कि कभी-कभी बहाव तेज होने के कारण कई बच्चे डर कर बेहोश भी हो जाते हैं. जिनको वापस घर ले जाना पड़ता है.
जान जोखिम में डाल नदी पार करने को मजबूर ग्रामीण. ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के महीनों में वे अपने बच्चों को कंधे पर बैठाकर नदी पार करवाते हैं. ऐसे में जिस दिन नदी का बहाव ज्यादा तेज होता है उस दिन बच्चे स्कूल नहीं जा पाते. जिसके चलते उनकी पढ़ाई रुक जाती है. इतना ही नहीं ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे मौसम में अगर कोई बीमार पड़ जाता है तो उसे अस्पताल ले जाने में भी देरी हो जाती है. जिससे मरीज की हालत और गंभीर हो जाती है.
वहीं, ग्रामीणों ने कहा कि नदी पर पुल बनाने के लिए सभी लोगों ने शासन-प्रशासन से कई बार गुहार लगायी, बावजूद इसके अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
वहीं मामले में एसडीएम विवेक राय ने कहा कि पटवारी और लोगों से बात कर आग्रह किया गया है कि जब नदी का बहाव तेज हो तो उसमें प्रवेश न करें.