उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / city

देश में पहली बार देखा गया दुर्लभ आर्किड, उत्तराखंड वन अनुसंधान केंद्र को मिली एक और उपलब्धि - सिफलान्थेरा इरेक्टा वर आब्लिांसओिलाटा

यह आर्किड चमोली जिले के मंडल क्षेत्र में 1870 मीटर की ऊंचाई पर मिला है. वहीं, देश में पहली बार आर्किड की यह प्रजाति देखी गई है. जिसे अब भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (Botanical Survey of India) ने भी मान्यता देते हुए इसे ऑफिशियल तौर पर वनस्पतियों की लिस्ट में शामिल कर लिया है.

http://10.10.50.75//uttarakhand/16-August-2021/uk-nai-05-uk10007_16082021230813_1608f_1629135493_838.jpg
http://10.10.50.75//uttarakhand/16-August-2021/uk-nai-05-uk10007_16082021230813_1608f_1629135493_838.jpg

By

Published : Aug 17, 2021, 8:03 AM IST

Updated : Aug 17, 2021, 8:16 AM IST

हल्द्वानी: उत्तराखंड वन अनुसंधान केंद्र ने एक और उपलब्धि हासिल की है. इस बार केंद्र ने आर्किड की दुर्लभ प्रजाति की खोज की है. इस आर्किड का नाम 'सिफलान्थेरा इरेक्टा वर आब्लिांसओिलाटा' है. जिसे वन विभाग की अनुसंधान टीम ने दूरस्थ चमोली जिले के मंडल क्षेत्र के जंगलों में खोजा है. वहीं, देश में पहली बार आर्किड की यह प्रजाति देखी गई है. जिसे अब भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (Botanical Survey of India) ने भी मान्यता देते हुए इसे ऑफिशियल तौर पर वनस्पतियों की लिस्ट में शामिल कर लिया है.

जानकारी के मुताबिक, इसी साल मई के महीने में रिसर्च टीम में शामिल रेंज ऑफिसर हरीश नेगी और जूनियर रिसर्च फेलो मनोज सिंह ने मंडल के 1870 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बांज-बुरांस के जंगल से आर्किड की नई प्रजाति 'सिफलान्थेरा इरेक्टा वर आब्लिांसओिलाटा' खोजी है. मंडल क्षेत्र आर्किड की दृष्टि से बेहद समृद्ध माना जाता है.

वहीं, मुख्य वन संरक्षक अनुसंधान वृत्त संजीव चतुर्वेदी ने बताया कि नई प्रजाति की आर्किड मिलने के बाद इसे भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (BSI) में परीक्षण के लिए भेजा गया था. तीन महीने बाद BSI से जवाब आया है. टेस्टिंग में पता चला कि देश में पहली बार आर्किड की यह प्रजाति मिली है. जिसे आधिकारिक तौर पर भी भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण ने वनस्पतियों की सूची में शामिल कर लिया है.

पढ़ें-'गोल्डन फर्न' से फूलों की घाटी के अस्तित्व को खतरा, उजाड़ देता है हरे-भरे फूलों का संसार

संजीव चतुर्वेदी ने बताया कि पिछले साल भी इसी टीम ने चमोली जिले में 3800 मीटर की ऊंचाई पर आर्किड 'लिपारिस पिग्निया' की एक दुर्लभ प्रजाति खोजी थी, जिसे भारत में 124 साल बाद देखा गया. साथ ही पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में भी यह पहली बार खोजी गई थी. वहीं, हाल ही में खोजी गई 'सिफलान्थेरा इरेक्टा वर आब्लिांसओिलाटा' आर्किड को BSI ने नेलुम्बो पत्रिका के अपने नवीनतम संस्करण में सेफलांथेरा इरेक्टा वेर को जोड़ने की पुष्टि की है. उत्तराखंड अपनी जैव विविधता के लिए देश-दुनिया में विख्यात है. चमोली में पहली बार आर्किड की यह नई प्रजाति मिलना इस बात की तस्दीक भी करता है.

गौर हो कि बीती 30 जुलाई को चमोली जिले के मंडल क्षेत्र गोपेश्वर की खल्ला पंचायत के अंतर्गत 6 एकड़ में उत्तराखंड वन विभाग की अनुसंधान विंग ने एक आर्किड संरक्षण केंद्र स्थापित किया है. जो उत्तरभारत का पहला आर्किड संरक्षण केंद्र (orchid conservation center) भी है. यहां आर्किड की करीब 70 प्रजातियों को संरक्षित किया गया है.

Last Updated : Aug 17, 2021, 8:16 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details