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डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा सोबन सिंह जीना अस्पताल, बना रेफर सेंटर

कुमाऊं का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल सोबन सिंह जीना अस्पताल को स्वास्थ्य के लिहाज से कुमांऊ की लाइफ लाइन कहा जाता है. पहाड़ और मैदान से रोजाना यहां हजारों मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. हल्द्वानी में वर्तमान में डॉक्टरों के 28 पद सृजित हैं लेकिन पिछले कई महीनों से यहां कई पद खाली पड़े हैं.

अस्पताल बना रेफर सेंटर

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Published : Jun 7, 2019, 12:14 PM IST

हल्द्वानी: कुमाऊं का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल सोबन सिंह जीना अस्पताल डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. ये अस्पताल इलाज के नाम पर मात्र रेफर सेंटर बनकर रह गया है. बेस अस्पताल में आलम ये है कि पिछले कई महीनों से यहां डॉक्टरों के कई पद खाली पड़े हैं, लेकिन सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है. 15 सौ से अधिक ओपीडी रोजाना वाला ये अस्पताल मरीजों को राहत देने में नाकामयाब साबित हो रहा है. जिसके चलते मरीजों को मजबूर होकर प्राइवेट अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ रहा है.

अस्पताल बना रेफर सेंटर

कुमाऊं का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल सोबन सिंह जीना अस्पताल को स्वास्थ्य के लिहाज से कुमांऊ की लाइफ लाइन कहा जाता है. पहाड़ और मैदान से रोजाना यहां हजारों मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. हल्द्वानी में वर्तमान में डॉक्टरों के 28 पद सृजित हैं, लेकिन पिछले कई महीनों से यहां कई पद खाली पड़े हैं. वर्तमान में यहां न तो न्यूरो सर्जन मौजूद हैं और न ही फिजीशियन. यही नहीं कार्डियोलॉजिस्ट,न्यूरोलॉजिस्ट सहित कई मुख्य डॉक्टरों की तो यहां वर्षों से तैनाती भी नहीं हुई है.

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35 स्टाफ नर्स वाले अस्पताल में केवल 28 नर्स काम कर रही हैं. रोजाना हजारों मरीजों की ओपीडी होने के बावजूद यहां डॉक्टरों की कमी के चलते मरीजों को वापस निजी अस्पताल की ओर रुख करना पड़ रहा है. जहां उन्हें इलाज के लिए अतिरिक्त धन व्यय करना पड़ रहा है.

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वहीं इस पूरे मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी भारती राणा का कहना है कि डॉक्टरों की कमी के चलते लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. डॉक्टरों के लिए कई बार शासन को अवगत कराया जा चुका है. उन्होंने जल्द ही शासन से डॉक्टर उपलब्ध होने की उम्मीद जताई है.

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