लक्सर/श्रीनगर/हल्दानी/गदरपुर: सोमवार को रंगों के त्योहार होली की शुरुआत हो चुकी है. प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर पहले ही दिन होली की धूम देखने को मिली. लक्सर, श्रीनगर, हल्दानी और गदरपुर सभी जगहों पर लोगों ने घरों से निकलकर एक दूसरे पर गुलाल लगाया. इसके साथ ही कई जगहों पर होली गायन का भी आयोजन किया गया. अबीर गुलाल के रंग में रंगकर लोगों ने एक दूसरे को होली की बधाइंयां दी.
होली के रंग में सजा लक्सर
लक्सर में होली के पर्व को देखते हुए शहरों को सजाया गया है. इस दौरान पूरा शहर होली के रंग में रंगा नजर आ रहा है. शहर में सुबह से ही होली पूजन होने लगा है. जिसे लेकर महिलाओं ने पहले की तैयारियां पूरी कर ली थी. वहीं, इस दौरान लोग रंगों की छटा के साथ ही साथ चाट, पकौड़ी, मिठाई और गुजिया का आंनद लेते भी नजर आये. शहर में होलिका दहन की तैयारियां बच्चों ने सुबह से ही पूरी कर ली हैं. बच्चों ने लकड़ियां, घास-फूंस और उपलों से होलिका दहन की तैयारियां की है. महिलाएं भी रात्रि पूजा के लिए तैयारी कर बैठीं हैं.
वहीं, हरे कृष्णा मंदिर के मुख्य पुजारी सदानंद प्रभु ने बताया कि होली के त्योहार को देश-विदेश में धूमधाम से मनाया जाता है. इस त्योहार में आपसी भेदभाव भुलाकर प्रेम का संदेश दिया जाता है. उन्होंने बताया कि खास बात ये है कि इस दिन राधा रानी और श्रीकृष्ण के संयुक्त रुप से अवतारी चैतन्य महाप्रभु का जन्म दिवस भी है. पश्चिम बंगाल के मायापुर धाम में चैतन्य महाप्रभु का जन्म हुआ था. जिन्होंने पूरे विश्व भर में प्रेम का संदेश दिया था.
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श्रीनगर की होली का है अपना इतिहास
श्रीनगर में होल्यारों ने टोलियों बनाकर नाचते गाते होली के त्योहार का शुरुआत की. श्रीनगर में होली का सिलसिला शिव रात्रि से ही शुरू हो जाता है. जो कि बड़ी होली के दिन तक चलती है. इस दौरान होल्यार गीत-संगीत की धुन पर जमकर थिरकते हैं. श्रीनगर की होली का अपना ही अलग ही इतिहास रहा है. यहां राजा-महाराजाओं के जमाने से ही इसकी अलग पहचान रही है.