हल्द्वानी: आधुनिकता और भागदौड़ भरी जिंदगी लोगों के सेहत पर भारी पड़ रही है. दिनों-दिन दिल की बीमारी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. जिसके चलते आए दिन मरीजों को इलाज के लिए अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ रहा है. वहीं, शहर के सुशीला तिवारी और बेस हॉस्पिटल में हार्ट सर्जन के नहीं होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिससे लोगों को निजी अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ रहा है. कुमाऊं के सुदूर अंचल से आने वाले मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए काफी पैसा खर्च करना पड़ता है.
बता दें कि इन दिनों बड़ी संख्या में दिल के मरीज शहर के सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. सुशीला तिवारी और बेस अस्पताल में रोजाना 250 से 300 मरीजों की ओपीडी होती है. जिनमें रोजाना 15 से 20 हार्ट पेशेंट होते हैं. लेकिन सरकारी अस्पतालों में ना ही हार्ट के डाक्टर हैं और ना ही सर्जन, जिसके चलते मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में मरीज प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने के लिए मजबूर हैं, जहां उनकी जेब जमकर काटी जा रही है.