हल्द्वानी: प्रदेश का सबसे बड़ा गांव बिंदुखत्ता गांव आज भी राजस्व गांव की आस संजोए हुए है. गांव बसने के 50 साल बाद भी इस गांव को राजस्व गांव का दर्जा नहीं मिल पाया है. हर चुनाव से पहले राजनेता वायदा करते हैं लेकिन सरकार बनने के बाद बिंदुखत्ता गांव ठगा सा रह जाता है.
बता दें, बिंदुखत्ता गांव प्रदेश का सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा आबादी वाला गांव है. इस गांव में करीब 80 हजार मतदाता हैं. इस गांव में ज्यादातर सैनिक और पूर्व सैनिकों के परिवार रहते हैं. लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव प्रत्याशियों के भाग बदलने में बिन्दुखत्ता गांव का बड़ा योगदान रहता है. हर चुनाव से पहले यहां नेता आते हैं और राजस्व गांव बनाने की बात करते हैं, लेकिन 5 दशक बीत जाने के बाद भी कोई भी राजनेता इस गांव को राजस्व गांव बनाने के लिए कोई बड़ी पहल नहीं कर पाया है.
पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2019: महिला प्रतिनिधित्व पर क्या कहती हैं महिलाएं, यहां जानें...