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होली से पहले आमलकी एकादशी का है बड़ा महत्व, भगवान विष्णु से है संबंध

आमलकी एकादशी :आमलकी यानी आंवला, होली से पहले आमलकी एकादशी का होता है बड़ा महत्व. इस व्रत को करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं. आज से ही होली के रंग की शुरुआत होती है.

मंदिर में होली गायन करती महिलाएं

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Published : Mar 17, 2019, 9:39 PM IST

हल्द्वानी: फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को आमलकी एकादशी कहते हैं . रविवार को हल्द्वानी में आमलकी एकादशी धूमधाम से मनाई गई. मान्यता है कि इस एकादशी से होली के रंग की शुरुआत हो जाती है. इस मौके पर लोग मंदिर में रंग चढ़ाकर अपने अपने इष्ट देवता की पूजा कर होली की शुरुआत करते है. साथ ही आज से होली गायन के साथ रंगों की होली भी शुरू हो जाती है.

मंदिर में होली गायन करती महिलाएं.

आमलकी एकादशी का है विशेष महत्व

आमलकी यानी आंवला. आंवला को शास्त्रों में श्रेष्ठ स्थान प्राप्त है. विष्णु जी ने जब सृष्टि की रचना के लिए ब्रह्मा को जन्म दिया, उसी समय उन्होंने आंवले के वृक्ष को जन्म दिया. आंवले को भगवान विष्णु ने आदि वृक्ष के रूप में प्रतिष्ठित किया है.इसके हर अंग में ईश्वर का स्थान माना गया है. इस व्रत के करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। इस व्रत का फल एक हजार गौदान के फल के बराबर होता है.

वहीं, आमलकी एकादशी के मौके पर महिलाओं ने मंदिर पहुंचकर होली गायन की शुरुआत की. साथ ही मंदिरों में भगवान का अबीर और गुलाल से अभिषेक किया. महिला होलियारों का कहना है कि आमलकी एकादशी का पौराणिक महत्व है. इस मौके पर हम अपने ईष्ट देवों की पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लेते है. उन्होंने कहा कि होली एक सांस्कृतिक पर्व है खुशियों और उल्लास का भरा त्यौहार है. होली एक दूसरे को जोड़ने का काम करती है.

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