उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / city

World Liver Day: उत्तराखंड की पहली लीवर टीबी पेशेंट को डॉक्टरों ने ऐसे बचाया

आज World Liver Day है. दुनिया भर में 19 अप्रैल को ये विश्व लीवर दिवस मनाया जाता है. लीवर को हेल्दी रखने के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए इस दिन को मनाया जाता है.

World Liver Day
विश्व लीवर दिवस

By

Published : Apr 19, 2022, 6:05 AM IST

Updated : Apr 19, 2022, 6:43 AM IST

देहरादून: दुनिया में लीवर में होने वाली प्राइमरी टीबी के बेहद कम केस पाए जाते हैं. इनमें से एक उत्तराखंड में 36 वर्षीय महिला में पाया गया. क्या होती है लीवर में प्राइमरी टीबी और कैसे इसका इलाज संभव हो पाया देखिए हमारी इस खास रिपोर्ट में.

लीवर में टीबी: विश्व लीवर डे के मौके पर जहां एक तरफ लीवर को साफ रखने और लीवर से जुड़ी बीमारियों को लेकर स्वास्थ्य जगत में चर्चाएं हो रही हैं, तो वहीं लीवर में होने वाली प्राइमरी टीबी एक दुर्लभ बीमारी है. विशेषज्ञ बताते हैं कि इस वक्त पूरे विश्व में इस बीमारी के 300 मरीज रिपोर्ट किये गए हैं. इस बीमारी में बेहद जोखिम है और इसका इलाज भी बेहद जटिल है. वहीं उत्तराखंड में भी लीवर में होने वाली प्राइमरी टीबी का पहला केस जनवरी 2022 को देहरादून मैक्स अस्पताल में रिपोर्ट किया गया.

लीवर टीबी पेशेंट को डॉक्टरों ने ऐसे बचाया

36 साल की महिला को हुआ लीवर टीबी: देहरादून सहित आसपास के कई राज्यों के अस्पतालों में पेट के दर्द के चलते दर-दर ठोकरें खाते हुए देहरादून निवासी 36 वर्षीय महिला जनवरी 2022 में देहरादून मैक्स हॉस्पिटल पहुंची. देहरादून मैक्स अस्पताल में GI और लीवर ट्रांस्फर स्टैबलिश डॉक्टर मयंक नौटियाल ने बताया कि मैक्स अस्पताल आने से पहले इस महिला के काफी सारे टेस्ट हुए थे. उन टेस्ट में बताया गया था कि इनके लीवर में एक गांठ है. गांठ में क्या है. बीमारी क्या है. इसका ठीक से पता नहीं चल पा रहा था. कई सारे टेस्ट और डॉक्टरों की एक बड़ी टीम से विचार-विमर्श के बाद डॉक्टरों ने मरीज और उसके परिवार को दो विकल्प दिए. पहला विकल्प था कि लगातार और टेस्ट किये जायें. गांठ में क्या है, इसका पता लगाया जाए. या फिर दूसरा विकल्प था कि डायरेक्ट ऑपरेशन के जरिये गांठ को बाहर निकाल कर उसे बायोप्सी के लिए भेजा जाए. जिसके बाद स्पष्ट हो पायेगा कि आखिर समस्या क्या है.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में मिले 9 नए कोरोना पॉजिटिव, 26 मरीजों का चल रहा इलाज

उत्तराखंड में पहली बार हुआ लीवर टीबी का सफल ऑपरेशन: महिला का इलाज कर रहे GI और लीवर ट्रांस्फर स्टैबलिश डॉक्टर मयंक नौटियाल ने बताया कि मरीज द्वारा ऑपरेशन का विकल्प लिया गया. जिसके बाद पहली दफा उत्तराखंड में लीवर की प्राइमरी टीबी का सफलतम ऑपरेशन किया गया. डॉक्टर मयंक ने बताया की यह ऑपरेशन अपने आप में बेहद जटिल है. ऊपर से लीवर के दाएं और बाएं हिस्से की पहचान करना मुश्किल होता है. खून काफी बहता है और पित्त लीक होने के अलावा इन्फेक्शन का काफी खतरा होता है.

ऑपरेशन के बाद पता चला लीवर टीबी है: कुल मिलाकर डायरेक्ट लीवर का ऑपरेशन करना कहीं ना कहीं बेहद रिस्क भरा भी है. उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन के चौथे दिन पेशेंट को घर भेजा गया. एक सप्ताह के भीतर बायोप्सी की रिपोर्ट आई. रिपोर्ट में टीबी निकला. उन्होंने बताया कि मरीज के शरीर में इसके अलावा बाकी कहीं भी टीबी के लक्षण नहीं थे. यह प्राइमरी टीबी केवल लीवर में थी जो कि अपने आप में बेहद दुर्लभ है और इसका इलाज भी बेहद जटिल है.

शारीरिक सुरक्षा में लीवर हेल्थ को ना करें इग्नोर: डॉक्टर मयंक नौटियाल के अनुसार आज के दौर में शारीरिक सुरक्षा को लेकर लोग काफी जागरूक हैं. लेकिन स्वास्थ्य के नाम पर आज लोग केवल हृदय रोग, मोटापे और इसी तरह की अन्य बीमारियों को ध्यान में रखते हुए अपनी सेहत का ख्याल रखते हैं. लीवर हेल्थ को लेकर कोई ज्यादा ध्यान नहीं देता है. डॉक्टर नौटियाल का कहना है कि हमें लीवर हेल्थ को लेकर ध्यान देने की बेहद जरूरत है. उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ शरीर के लिए एक हेल्दी लीवर का होना बेहद जरूरी है. इसके लिए हमारा खान-पान पूरी तरह से जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि हमें नित्य व्यायाम के साथ-साथ अपने लीवर के अनुकूल भोजन करना चाहिए. लीवर पर प्रतिकूल असर डालने वाले खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अल्कोहल का कंजप्शन ज्यादा मात्रा में किया जाता है. वहीं इसके अलावा घी, तेल इत्यादि भी लीवर के लिए नुकसानदेह साबित होते हैं, जिसको लेकर हमें ध्यान देने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें: विश्व स्वास्थ्य दिवस पर 'आवर प्लेनेट, आवर हेल्थ' कार्यशाला का आयोजन, धन सिंह रावत ने की शिरकत

अच्छे खान-पान की आदत अपनाएं: लीवर को स्वस्थ रखने के लिए अच्छे खान-पान (Healthy Diet) की आदत को अपनी दिनचर्या में शामिल करें. साबुत अनाज, ताजे फल, सब्जियां, ओट्स और ब्राउन राइस का सेवन आपके लीवर को स्वस्थ रखेगा. इन भोजन से आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में फाइबर मिलेगा, जो लीवर के साथ ही सेहत के लिए फायदेमंद होगा.

खाने के साथ सलाद की मात्रा बढ़ाएं:सभी मौसम में सलाद खाने की सलाह दी जाती है. क्योंकि इनमें प्रोटीन, फाइबर (Protein and Fibre) जैसे कई पोषक तत्व होते हैं. इसलिए लीवर को स्वस्थ रखने के लिए मौसमी सलाद का सेवन जरूर करें. सलाद एक तो शरीर में तरावट रखेंगे. साथ ही इनसे पर्याप्त मात्रा में पानी और मिनरल्स मिलेंगे. इस तरह फैटी लीवर से बच सकेंगे.

जरूरत से अधिक न खाएं: “अति सर्वत्र वर्जयेत्” ये वाक्य हर जगह प्रयोग में आता है और उपयोगी है. कई बार लोग जरूरत से अधिक खा (Overeating) लेते हैं. इससे उनके पाचन तंत्र में समस्या उत्पन्न हो जाती है. इसलिए जानकार यह सलाह देते हैं कि भोजन को सीमित मात्रा में करें. इससे आपका पाचन तंत्र अच्छा रहेगा. लीवर पर बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा.

प्रोटीन का सेवन ज्यादा करें:अपने डाइट प्लान में प्रोटीन (Protein Intake) वाले खाद्य पदार्थ की मात्रा को बढ़ा दें. इनमें दाल, सोयाबीन, दही और अंडे एक अच्छा विकल्प है. ऐसा करने से अपका लीवर स्वस्थ रहेगा. प्रोटीन हमारी मांसपेशियों की टूटफूट की मरम्मत करने में उपयोगी होती हैं. खाने में प्रोटीन से हमें कार्य करने में शक्ति मिलती है.

ये भी पढ़ें:DG हेल्थ ने पीपीपी मोड के जिला अस्पतालों का किया निरीक्षण, मरीजों से की स्वास्थ्य सुविधाओं पर बात

ज्यादा मीठा और नमक खाने से बचें:खाना खाते समय अधिक मात्रा में नमक या चीनी (Salt and Sugar) का प्रयोग ना करें. साथ ही फास्ट फूड या तले हुए खाने को अधिक खाने से बचें. यह सभी आपके लीवर पर नकारात्मक प्रभाव डालता है. दरअसल आजकल फास्ट फूड बनाने वाले ग्राहक को इसकी लत लगाने को अजीनोमोटो का प्रयोग करते हैं. अजीनोमोटो लीवर का दुश्मन तो है ही इससे स्वास्थ्य संबंधी अनेक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.

Last Updated : Apr 19, 2022, 6:43 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details