देहरादून: कोरोना महामारी के चलते जारी लॉकडाउन से प्रदेश में विभिन्न विकास कार्यों की रफ्तार धीमी पड़ चुकी है. ऐसे में इन विकास कार्यों को रफ्तार देने के लिए अब पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश और देश के अन्य राज्यों की तर्ज पर उत्तराखंड सरकार ने भी श्रमिकों से 8 घंटे के बजाय 12 घंटे कार्य कराने का निर्णय लिया है. ईटीवी भारत के साथ जानकारी साझा करते हुए श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि श्रमिकों से 8 घंटे के बजाय दो शिफ्टों में 12 घंटे काम लिया जाएगा.
उत्तराखंड में भी 12 घंटे काम करेंगे श्रमिक श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि अधिक घंटे देने के लिए श्रमिकों को ओवरटाइम दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि सरकार के इस फैसले के बाद धीमी पड़ चुके विकास कार्यों को नई गति मिलेगी. इसके साथ ही श्रमिकों को भी अधिक पैसा मिलेगा.
पढ़ें-टिहरी: मजदूरों को लेकर बिहार जा रही बस पलटी, बाल-बाल बचे यात्री
जहां श्रम मंत्री हरक सिंह रावत श्रमिकों को ओवरटाइम के बदले अतिरिक्त मानदेय दिए जाने की बात कह रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के विभिन्न उद्योगों और सरकारी निगमों में अपने सेवाएं देने वाले श्रमिक सरकार के इस निर्णय से बिल्कुल संतुष्ट नहीं हैं. श्रमिकों के मुताबिक, सरकार का यह निर्णय पूरी तरह से असंवैधानिक है.
पढ़ें-डिप्टी स्पीकर को सता रही पहाड़ की चिंता, प्रवासियों के क्वारंटाइन के लिए नहीं पर्याप्त व्यवस्था
श्रमिकों का कहना है कि सरकार के इस निर्णय से सिर्फ श्रमिकों का शोषण होगा. श्रमिकों ने सरकार से अपना निर्णय वापस लेने के लिए राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने राज्यपाल से श्रम कानून में किए गए संशोधनों को किसी भी प्रकार उत्तराखंड में लागू न किए जाने और उत्तराखंड सरकार को आवश्यक दिशा--निर्देश जारी करने का निवेदन किया है.