देहरादून: जीवीके इएमआरआई की 108 आपातकालीन सेवा के पूर्व कर्मी नई कैंप कंपनी में समान वेतन व समायोजन किए जाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. मांगों का निस्तारण ना होने के कारण कर्मियों ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, डीजी हेल्थ और स्वास्थ्य सचिव को अपने खून से पत्र लिखा है.
आपको बता दें कि प्रदेश सरकार ने 108 एम्बुलेंस के संचालन का ठेका नई कैंप कंपनी को दे दिया है. वहीं कैंप कंपनी ने अपनी शर्तों पर पूर्व 108 कर्मियों को रोजगार देने का प्रस्ताव रखा है. जिसके चलते 108 सेवा के 717 पूर्व फील्ड कर्मी कैंप कंपनी में जीवीके की तह पर समान वेतन पर यथावत समायोजन कि मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं.
वहीं एंबुलेंस सेवा के पूर्व कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने 108 आपातकालीन सेवा में विगत 11 वर्षों से अपनी सेवाएं प्रदान कीं है, सरकार ने कैंप कंपनी को 108 सेवा की जिम्मेदारी दे दी है. जिसके चलते कंपनी ने कर्मियों को बेरोजगार कर दिया गया है.
जानकारी देती 108 आपातकालीन सेवा की पूर्व कर्मी पूजा कोटनाला. साथ ही उन्होनें कहा है कि कर्मचारी अपने खून से पत्र लिखकर सीएम को यह बताना चाहते हैं कि बेरोजगार हो चुके 717 फील्ड कर्मियों के खून में कितना उबाल है. साथ ही कर्मियों का कहना है कि रक्त से पत्र लिखकर सरकार को यह संदेश देना चाहते हैं, कि अभी तक उनका आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है. अगर उनकी मांगों का निस्तारण जल्द नहीं हुआ तो 108 कर्मी उग्र आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे.