देहरादून: भगत सिंह कोश्यारी को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाये जाने के बाद विजय बहुगुणा के राजनीतिक भविष्य पर सवाल खड़े होने लगे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा 2016 में भाजपा के सदस्य बने थे. तब से लेकर अबतक बहुगुणा को कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी गयी है. जिससे साफ तौर पर लगता है कि 2017 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को दो फाड़ कर भाजपा की जीत की बड़ी वजह बनने वाले बहुगुणा हाईकमान की पसंद नहीं बन सकें हैं. इसके अलावा तमाम मौकों पर विजय बहुगुणा को दरकिनार किया जाना भी कुछ और ही साबित करता है.
भारतीय जनता पार्टी में विजय बहुगुणा को पिछले 3 सालों से कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिल पाई है. तमाम मौकों पर विजय बहुगुणा को बड़ी जिम्मेदारी से दूर ही रखा गया है. जिसके कारण एक बार फिर से बहुगुणा के राजनैतिक अस्तित्व पर सवाल खड़े होने लगे हैं. बता दें कि 2017 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा कांग्रेस से बगावत कर अपने आठ विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हुए थे. विजय बहुगुणा के नेतृत्व में एक साथ इतने विधायकों के कांग्रेस छोड़ने से कांग्रेस को खासा नुकसान हुआ था. जिससे उत्तराखंड कांग्रेस हाशिए पर पहुंच गई थी. नतीजतन मोदी लहर और टूटी हुई कांग्रेस के बीच चुनावी जंग में बीजेपी ने शानदार जीत हासिल की.
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विधानसभा चुनावों में मिली बड़ी जीत के बाद ये माना जाने लगा कि बीजेपी विजय बहुगुणा को कोई बड़ी जिम्मेदारी देगी, लेकिन पिछले न तो बहुगुणा ने विधानसभा चुनाव लड़ा और न ही लोकसभा चुनाव. इस तरह विजय बहुगुणा भाजपा में आने के बाद न तो विधायक ही रहे और न ही सांसद. इसके अलावा भी विजय बहुगुणा को कोई बड़ी जिम्मेदारी भाजपा में नहीं मिली है. हालांकि भाजपा नेता पार्टी में किसी भी नेता को दरकिनार नहीं किए जाने की बात कहकर विजय बहुगुणा के मामले पर पार्टी का बचाव करते हुए दिख रहे हैं.
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