उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / city

बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा का उत्तराखंड दौरा, मिशन 2022 के फतह की तैयारी

20 और 21 अगस्त को दो दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड आने वाले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा प्रदेश में तकरीबन एक दर्जन से अधिक कार्यक्रमों में शामिल होंगे.

bjp national president jp nadda
बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा का उत्तराखंड दौरा

By

Published : Aug 9, 2021, 6:57 AM IST

Updated : Aug 9, 2021, 12:09 PM IST

देहरादून: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जल्द ही उत्तराखंड के दौरे पर आने वाले हैं. आगामी 20 और 21 अगस्त को उनका प्रदेश दौरा तय हो चुका है. ऐसे में नड्डा अपने दौरे के दौरान कई बैठकों में हिस्सा लेंगे. साथ ही वह 2022 के चुनाव को लेकर भी रणनीति तैयार करेंगे.

बता दें कि 20 और 21 अगस्त को दो दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड आने वाले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा प्रदेश में तकरीबन एक दर्जन से अधिक कार्यक्रमों में शामिल होंगे. बताया जा रहा है कि उनका कुमाऊं के हल्द्वानी में एक बड़ा कार्यक्रम भी हो सकता है. पार्टी सूत्रों के अनुसार, उनका कुमाऊं पर इस बार ज्यादा फोकस है. हाल ही में कुमाऊं में मुख्यमंत्री देने से साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल से गढ़वाल क्षेत्र से सांसद को हटाकर अजय भट्ट को तरजीह देना इसकी बानगी है.

वहीं, इससे पहले पार्टी द्वारा मंथन कार्यक्रम भी कुमाऊं के रामनगर में आयोजित किया गया था. जहां पर बीजेपी के संगठन महासचिव बीएल संतोष पहुंचे थे. इसके अलावा प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम भी कुमाऊं के दौरे पर हैं. जिससे इतना स्पष्ट हो रहा है कि पार्टी इस समय कुमाऊं पर ज्यादा फोकस कर रही है. इसके पीछे की बड़ी वजह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी हैं. ऐसे में पार्टी को गढ़वाल में नुकसान भी हो सकता है. इस आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता.

पढ़ें- 'हैट्रिक गर्ल' की मां ने स्थानीय विधायक की खोली पोल, CM धामी से की ये अपील

कुमाऊं पर इसलिये भी फोकस ज्यादा है क्योंकि, कांग्रेस का बड़ा चेहरा हरीश रावत कुमाऊं से ही आते हैं. कांग्रेस की मौजूदा गतिविधि को देखते हुए आगामी चुनाव के लिए प्रतिद्वंदी के रूप में हरीश रावत ही पहली पंक्ति में नजर आ रहे हैं. ऐसे में बीजेपी कुमाऊं क्षेत्र में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहती है. वहीं, इसके अलावा अगर हम बात गढ़वाल क्षेत्र की करें तो बीजेपी का पुराना कैडर वोट यहां ज्यादा मजबूत माना जाता रहा है.

इसी बीच गढ़वाल क्षेत्र से मुख्यमंत्री सहित केंद्रीय मंत्रिमंडल से गढ़वाल का प्रतिनिधि हटाकर कुमाऊं पर ज्यादा फोकस करना पार्टी को नुकसानदायक साबित हो सकता है. हालांकि, गढ़वाल क्षेत्र में पार्टी के जितने भी दावेदार हैं, वह मजबूत और अनुभवी छवि वाले नेता हैं. इसलिये भी कुमाऊं की राजनीति में काफी परिवर्तन देखने को मिल रहा है. जिसके मद्देनजर बीजेपी की नजर कुमाऊं पर ज्यादा टिकी हुई है.

Last Updated : Aug 9, 2021, 12:09 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details