देहरादून:उत्तराखंड सरकार ने धूम धड़ाके से बजट सत्र की तारीख 7 जून घोषित की थी. बड़े उत्साह से बताया था कि बजट सत्र उत्तराखंड की शीतकालीन राजधानी गैरसैंण में होगा. लेकिन यही घोषणा अब उत्तराखंड सरकार के गले की हड्डी बन गया है. सरकार को सूझ नहीं रहा है कि वो क्या करे. आइए हम आपको बताते हैं कि बजट सत्र को लेकर उत्तराखंड सरकार किस उलझन में पड़ गई है.
राज्यसभा चुनाव से टकराया बजट सत्र: जुलाई में उत्तराखंड से राज्यसभा की एक सीट खाली हो रही है. 10 जून को राज्यसभा की इस खाली हो रही सीट के लिए मतदान है. राज्यसभा चुनाव में विधायकों को मतदान करना होता है. आप सोच रहे होंगे कि विधायकों को मतदान करना है तो इसमें परेशानी या उलझन वाली क्या बात है. विधायक मतदान करें और राज्यसभा की वोटिंग का अपना दायित्व निभाएं. आइए आगे आपको बताते हैं कि असल दिक्कत क्या है.
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देहरादून विधानसभा में है राज्यसभा चुनाव की वोटिंग: 10 जून को राज्यसभा चुनाव की वोटिंग देहरादून विधानसभा में है. राज्यसभा चुनाव का मतदान देहरादून विधानसभा के कक्ष संख्या 303 में होना है. उस समय गैरसैंण में विधानसभा का बजट सत्र चल रहा होगा. ऐसा तो है नहीं कि बजट सत्र एक-दो दिन में ही निपटा दिया जाएगा. सदन में बजट बाकायदा पेश किया जाता है. बजट पर चर्चा होती है. तब जाकर बजट पास होता है. अमूमन बजट सत्र पांच से सात दिन का कम से कम होता है. पिछला बजट सत्र छह दिन चला था.
गैरसैंण से 260 किलोमीटर दूर है देहरादून: उत्तराखंड की शीतकालीन राजधानी गैरसैंण जहां सरकार ने बजट सत्र बुलाया है वहां से देहरादून की दूरी सड़क मार्ग से करीब 260 किलोमीटर है. देहरादून में 7 जून से बजट सत्र चलेगा तो विधायक देहरादून में वोटिंग में भाग कैसे लेंगे, ये बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. मुख्यमंत्री और दो-तीन मंत्री तो हेलीकॉप्टर से देहरादून की उड़ान भर सकते हैं, लेकिन सभी मंत्री और विधायक हेलीकॉप्टर से देहरादून नहीं जा सकते हैं. वो भी ऐसे समय में जब राज्य की वित्तीय हालत बहुत खस्ताहाल है. उत्तराखंड में एंग्लो इंडियन विधायक को मिला दें तो कुल 71 MLA हैं. फिर विधानसभा के अफसर और कर्मचारियों का स्टाफ भी होता है. सभी को हेलीकॉप्टर से देहरादून ले जाना संभव नहीं होगा.