देहरादून:बीजेपी से निकाल दिए गए हरक सिंह रावत दिल्ली जाकर कांग्रेस का दरवाजा खटखटा रहे हैं. हरक को दिल्ली गए आज तीसरा दिन है. अभी तक उनकी कांग्रेस में ज्वाइनिंग नहीं हो सकी है. ऐसी चर्चाएं जोरों पर हैं कि हरक की कांग्रेस में ज्वाइनिंग को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में मतभेद हैं. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत उनकी घर वापसी के खिलाफ हैं. वहीं, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम और गणेश गोदियाल का रुख इस मामले में नरम है. अब गेंद कांग्रेस हाईकमान के पाले में है. हाईकमान को ही इस पर फैसला लेना है.
बीजेपी ने एक झटके में निकाल दिया:दरअसल, हरक सिंह रावत पिछले कई दिनों से कांग्रेस के बड़े नेताओं के संपर्क में थे. हालांकि, तब उन्हें एहसास नहीं रहा होगा कि बीजेपी उन्हें इतनी जल्दी 'दूध में मक्खी'की तरह निकाल फेंकेगी. आए दिन अपने बयानों से हरक बीजेपी नेतृत्व की नाक में दम किए थे, लेकिन रविवार को बीजेपी ने हरक सिंह रावत को भनक लगे बिना ही उन्हें पहले कैबिनेट मंत्री पद से बर्खास्त किया और फिर पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया.
शुभचिंतकों से मिल रहे हरक: इसके बाद से हरक सिंह रावत की दिल्ली में कांग्रेस ज्वाइन करने के लिए दौड़ चल रही है. हरक सिंह ने कांग्रेस में वापसी को लेकर कांग्रेस के अंदर अपने तमाम शुभचिंतकों के साथ कई नेताओं से भेंट भी की है. उन्हें उम्मीद थी कि कांग्रेस हाथों-हाथ लेगी, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो सका है.
हरीश रावत हैं सबसे बड़ा रोड़ा: दरअसल, हरक सिंह रावत की कांग्रेस में वापसी को लेकर कई मुश्किलें आन पड़ी हैं. हरीश रावत 2016 में उनकी सरकार गिराने में हरक सिंह की भूमिका को लेकर विरोध कर रहे हैं. हरदा का कहना है कि, हरक सिंह रावत की वापसी से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरेगा. हालांकि, हरीश रावत उन्हें एक शर्त पर माफ करने को तैयार हैं, वो ये कि हरक सिंह रावत 2016 की अपनी उस गलती को मानें और सार्वजनिक माफी मांगें.
हरक की वापसी पर कांग्रेस दो फाड़: दूसरी ओर हरक सिंह रावत की कांग्रेस में वापसी को लेकर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह खुश हैं. प्रीतम को हरक सिंह रावत से हमदर्दी भी है. हरीश रावत के विरोध को देखते हुए प्रीतम खुलकर हरक का समर्थन नहीं कर पा रहे हैं लेकिन उन्होंने ये जरूर कहा है कि हरक पर फैसला पार्टी हाईकमान करेगा. बताया जा रहा है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल भी हरक की वापसी को लेकर इच्छुक हैं लेकिन वो भी हरीश रावत के तेवर देखकर खुलकर कुछ नहीं कह पा रहे, लेकिन उनके बयानों से भी झलक रहा है कि वो हरक का स्वागत करने को तैयार हैं.
दरअसल, हरक सिंह रावत की कांग्रेस में वापसी का असली रोड़ा हरीश रावत की ओर से अटकाया गया है. हालांकि उनका कहना है कि पार्टी ने अभी इस बारे में उनसे पूछा नहीं है. उन्हें उम्मीद है कि पार्टी इस विषय पर सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेगी. राज्य की राजनीति, समाज में क्या प्रतिक्रिया होगी, उसके परिणाम क्या होंगे, सभी पर विचार करने के बाद ही निर्णय होगा.
उधर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि विपत्ति के समय हरक ने भाजपा का साथ दिया था, अब उन्हें जिस प्रकार निष्कासित किया है, नि:संदेह हरक सिंह आहत हुए हैं. हरक की वापसी पर निर्णय पार्टी के शीर्ष नेता लेंगे.
नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि हरक सिंह हमारे पुराने साथी-सहयोगी रहे हैं. यदि वो वापस आना चाहते हैं तो पार्टी हाईकमान इस पर निर्णय लेगा. उन्होंने सुना है कि हरक सिंह ने कांग्रेस के लिए काम करने का निर्णय किया है. यदि वो आते हैं तो पार्टी को ताकत मिलेगी.
हीरा सिंह बिष्ट भी हरक की वापसी के पक्ष में नहीं: इधर, उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और डोईवाला सीट से टिकट के दावेदार हीरा सिंह बिष्टने भी हरक सिंह रावत की वापसी पर नाराजगी जताई है. हीरा सिंह बिष्ट का कहना है कि कांग्रेस को पर्यटक नेताओं से सावधान रहना चाहिए. आवागमन करने वाले व कांग्रेस को पर्यटक स्थल समझने वाले राजनीतिज्ञों के बारे में पार्टी को गंभीरता से सोचना होगा. उन्होंने कहा कि अब प्रदेश अस्थिरता बर्दाश्त नहीं करेगा. प्रदेश की जनता विकास चाहती है. ऐसे खिलवाड़ करने वाले लोगों से पार्टी को सावधान रहना होगा.
प्रीतम और गोदियाल क्यों हैं हरक के पक्ष में:कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल गढ़वाल मंडल से आते हैं. नेता प्रतिपक्ष और पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह भी गढ़वाल से हैं. हरक सिंह रावत भी गढ़वाल मंडल से ही हैं. ऐसे में इन दोनों नेताओं की सहानुभूति हरक सिंह रावत के प्रति सहज ही समझी जा सकती है. हरीश रावत कैंप का होने के बावजूद गणेश गोदियाल अगर हरक सिंह रावत की पैरवी कर रहे हैं तो समझा जा सकता है कि इसमें क्षेत्रीय प्रेम भी झलक रहा है.
सोमवार को रो पड़े थे हरक सिंह:बीजेपी ने जिस तरह हरक सिंह रावत को एक झटके में सरकार से बर्खास्त और पार्टी से निष्कासित किया उससे हरक सदमे में हैं. कल जब वो पार्टी से निकाले जाने के बाद पहली बार मीडिया के सामने आए थे तो रो पड़े थे. तब हरक ने रोते हुए कहा था कांग्रेस के लिए बिना शर्त काम करूंगा. आंसू बहाने के दौरान भी पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत भाजपा के खिलाफ तीखे तेवर अपनाए हुए थे.