देहरादून: राष्ट्रीयकृत बैंक (सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया) में बारह लाख के साइबर फ्रॉड में दो गिरफ्तारी हुई हैं. दिल्ली से सहायक शाखा प्रबंधक को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही देहरादून से एक शाखा प्रबंधक भी अरेस्ट किया गया है. इन लोगों ने देहरादून निवासी महिला के बैंक खाते से एक्सेस करके बारह लाख की रकम निकाली थी. एसटीएफ उत्तराखंड जल्द ही अन्य मामले का भी खुलासा कर सकती है, जिसमें बैंक के अधिकारियों/कर्मचारियों की साजिश से आमजन के खातों में सेंध लग रही थी.
साइबर ठगों के खिलाफ चल रही मुहिम: मुख्यमंत्री उत्तराखंड ने साइबर अपराधियों द्वारा जनता से ठगने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं. पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड द्वारा एसटीएफ व साइबर पुलिस को प्रभावी कार्रवाई हेतु दिशा निर्देश दिए गए हैं. आदेशों के अनुपालन में थाना साइबर पुलिस उत्तराखंड द्वारा साइबर अपराधियों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई करते हुये लगातार सक्रिय रहकर साइबर अपराध में सलिप्त सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के दो अधिकारियों की गिरफ्तारी की गयी है. इन बैंक अधिकारियों ने आम-जनता के खातों के एसएमएस अलर्ट नम्बर बदलकर 12 लाख की धोखाधड़ी की थी.
साइबर ठगी में बैंक के अफसर कर्मचारी लिप्त: पुलिस के अनुसार वर्तमान में कुछ बैंक कर्मचारियों के द्वारा आम जनता के बैंक खातों में एसएमएस अलर्ट नम्बर बदल कर उनकी मेहनत की कमाई को उड़ाने के मामले प्रकाश में आ रहे हैं. ऐसा ही एक प्रकरण साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुआ था. जिसमें वादी सुमन सहगल निवासी सेलाकुई ने देहरादून द्वारा सेंट्रल बैक ऑफ इंडिया सेलाकुई शाखा में बैंक अधिकारियों द्वारा बिना उनकी अनुमति के SMS अलर्ट नम्बर बदल कर खाते से 12 लाख रुपये धोखाधड़ी से निकाले जाने पर मुकदमा अपराध संख्या 12/22 पंजीकृत किया था.
साइबर ठगों को पकड़ने के लिए पुलिस ने बनाया प्लान: प्रकरणों की गम्भीरता को देखते हुये अभियोग के खुलासे, अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु साइबर थाने से निरीक्षक त्रिभुवन रौतेला के नेतृत्व में टीम गठित की गयी. अभियोग में अभियुक्तों के विरुद्ध कार्रवाई हेतु घटना में प्रयुक्त मोबाइल नम्बर, ई-मेल आईडी, ई-वालेट तथा बैंक खातों व सीसीटीवी फुटेज व भौतिक साक्ष्यों के विश्लेषण करने पर जानकारी की गयी तो ज्ञात हुआ कि सेंट्र्ल बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता की बिना अनुमति के धोखाधड़ीपूर्वक अपने खाताधारक के बैंक खाते से सम्बन्धित गोपनीय जानकारी में परिवर्तन कर नेट/मोबाइल बैंकिग के माध्यम से शिकायतकर्ता की धनराशि से ऑनलाइन माध्यम से सोना खरीदकर उसको बेचकर लाभ अर्जित किया जा रहा था.
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