उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / city

ये मज़ाक नहीं सच्चाई है, 3 मुर्गों की एक्सीडेंट में मौत, मालिक गया जेल

देहरादून के बल्लूपुर फ्लाईओवर पर गुरुवार को तीन मुर्गों की मौत हो गई. इस मामले में पुलिस ने मुर्गों के मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.

By

Published : Nov 1, 2019, 11:03 PM IST

Updated : Nov 6, 2019, 1:55 PM IST

concept

देहरादून: राजधानी दून के बल्लूपुर फ्लाईओवर पर गुरुवार को स्कूटर की रस्सी टूटने से सड़क पर गिरे तीन मुर्गों की मौत हो गई, जबकि बाकी मुर्गों को पशुओं के अस्पताल भेजा गया है. इस दौरान इसी रास्ते से गुजर रहे प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने टीम बुलाकर आरोपी स्कूटर चालक को गिरफ्तार किया. वहीं, कावली रेंज के बीट अधिकारी की तहरीर पर स्कूटर सवार के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

जानकारी के मुताबिक चंदर रोड निवासी शाहनवाज गुरुवार सुबह मुर्गों को स्कूटर पर उल्टा बांधकर बल्लूपुर फ्लाईओवर से प्रेमनगर जा रहा था. इसी बीच रस्सी टूट जाने के कारण मुर्गे सड़क पर गिर गए और फ्लाईओवर के ऊपर से जा रहे वाहनों के नीचे दबने से तीन की मौत हो गई. सात जिंदा मुर्गो को तो पशुओं के राहत अस्पताल भेज दिया गया, जबकि 12 के करीब कटे हुए मुर्गों को जमीन में दबा दिया गया.

पढ़ें-REALITY CHECK: सिंगल यूज प्लास्टिक के नुकसान से कितनी जागरुक है राजधानी की जनता?

इसी बीच प्रमुख वन संरक्षक जयराज भी उधर से गुजर रहे थे. उन्होंने यह घटना देख वन विभाग की टीम को मौके पर बुलाया. इसके बाद कांवली रोड रेंज के बीट अधिकारी अंकुर शर्मा ने आरोपी शाहनवाज को पकड़ लिया.

उधर, आरोपी को स्कूटर समेत वसंत विहार थाने ले जाया गया. जहां पुलिस ने बीट अधिकारी अंकुर की तहरीर पर शाहनवाज के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत अभियोग पंजीकृत कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.

प्रमुख वन संरक्षक जयराज का कहना है कि आईपीएस की धारा 428 में यह प्रावधान है कि यदि पशु की कीमत 10 रुपये है तो क्रूरता की स्थिति में आरोपी को दो साल की सजा का प्रावधान है जबकि धारा 429 में यह व्यवस्था है कि यदि पशु की कीमत 50 रुपये या उससे अधिक है, उसमें पांच साल तक की सजा हो सकती है.

जयराज का कहना है कि ऐसे में उन्होंने एक आम नागरिक का दायित्व निभाते हुए संबंधित आरोपी पर न केवल मुकदमा दर्ज करवाया बल्कि देश में एक नजीर पेश भी की है. यही नहीं, जीव जंतुओं के प्रति हो रहे क्रूर व्यवहार को रोकने के लिए अधिनियम वन एवं पर्यावरण एक्ट में बनाए गए हैं उनको भी लोगों तक पहुंचाने का काम किया है.

वो अलग बात है कि सभी मुर्गे बाजार में बेचने के लिए ही जा रहे थे लेकिन एक आम नागरिक के तौर पर न केवल जीव जंतु अधिनियम के तहत इस पूरे मामले को क्रूरता से जोड़कर देखा गया बल्कि संबंधित व्यक्ति पर मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई के आदेश भी दिये गए.

Last Updated : Nov 6, 2019, 1:55 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details