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बैंक अधिकारी ही निकले साइबर क्रिमिनल्स, खाते से बदली सीक्रेट इंफोर्मेशन, किया 31 लाख का फ्रॉड

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से किए गए 31 लाख रुपए के साइबर फ्रॉड मामले में तीन लोग अरेस्ट हुए हैं. इनमें बैंक का दिल्ली का शाखा प्रबंधक शामिल है तो देहरादून से दो सहायक शाखा प्रबंधक भी हैं. ये लोग Inactive खातों के ट्रैक करके उनकी इंफोर्मेशन चेंज करते थे, फिर उनके खाते से ऑनलाइन सोना खरीदकर उसको बेचकर लाभ अर्जित करते थे.

Fraud in Central Bank of India
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में फ्रॉड

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Published : May 24, 2022, 1:16 PM IST

Updated : May 24, 2022, 5:04 PM IST

देहरादून: राष्ट्रीयकृत बैंक (सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया) में इकतीस लाख के साइबर फ्रॉड में तीन लोग गिरफ्तार हुए हैं. दिल्ली से शाखा प्रबंधक को गिरफ्तार किया गया है. इसके साथ ही देहरादून से दो सहायक शाखा प्रबंधक भी अरेस्ट किए गए हैं. देहरादून निवासी शख्स के बैंक खाते को एक्सेस करके 31 लाख की रकम निकाली गई थी, जिससे अमेजन पर ऑनलाइन सोना खरीदकर रकम को ठिकाने लगाया गया था. एसटीएफ उत्तराखंड ने इसका खुलासा किया है.

दरअसल, ये बैंक कर्मचारी ग्राहकों के बैंक खातों में SMS अलर्ट नंबर बदल कर उनकी मेहनत की कमाई उड़ा रहे थे. हर्रबटपुर थाना विकासनगर निवासी अतुल कुमार शर्मा (पुत्र स्व0 श्री रामस्वरुप शर्मा) ने देहरादून साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को एक शिकायत दी. उन्होंने बताया कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में उनकी मां के संयुक्त बैंक खाता से उनकी अनुमति के बगैर SMS अलर्ट नंबर बदलकर 30.95 लाख रुपये धोखाधड़ी से निकाले गये हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर थाने से निरीक्षक त्रिभुवन रौतेला के नेतृत्व में टीम गठित की गई.

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में फ्रॉड

जांच के दौरान घटना में इस्तेमाल मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी, ई-वालेट, और बैंक खातों व सीसीटीवी फुटेज व भौतिक साक्ष्यों के आधार पर जानकारी इकट्ठा की गई तो पता चला कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारी ने शिकायतकर्ता की अनुमति बिना धोखाधड़ी से उनके बैंक खाते में SMS अलर्ट नंबर चेंज किया और नेट/मोबाइल बैंकिग के जरिए ऑनलाइन माध्यम से सोना खरीदा और फिर सोने को बेचकर पैसे कमाए जा रहे थे.
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सभी जानकारी मिलने के बाद साइबर क्राइम पुलिस की विशेष टीम तत्काल दिल्ली, एनसीआर, यूपी और हरियाणा रवाना हुई. टीम ने 23 मई को करोल बाग दिल्ली से घटना में शामिल सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया बैंक प्रबंधक को गिरफ्तार किया. आरोपी से पूछताछ में पता चला कि उसके दो और सहयोगी हैं जो सेंट्रल बैंक में ही काम करते हैं. इनमें से एक AFO मो. आजम और दूसरा बैंक का सहायक प्रबंधक कविश डंग है. बाकी दोनों अभियुक्तों को सेलाकुई व विकासनगर देहरादून से गिफ्तार किया गया है. आरोपियों के पास से लिनोवा लैपटॉप, सैमसंग टैब, 6 मोबाइल फोन, 7 सिम कार्ड, 14 एटीएम कार्ड, 2 आधार कार्ड, 5 पासबुक, 3 चेक बुक, 2 आरसी/डीएल और 1 पेन कार्ड बरामद हुए हैं.

ये सभी साथ मिलकर लंबे समय से इनएक्टिव खातों की जानकारी हालिस कर उसके SMS अलर्ट नंबर को बदलते थे, फिर नेट या मोबाइल बैंकिग के माध्यम से शिकायतकर्ता की धनराशि से ऑनलाइन सोना खरीदकर उसको बेचकर लाभ अर्जित करते थे. लाभ से प्राप्त धनराशि को आपस में बांट लिया करते थे. अभियुक्तों से पूछताछ में कई अहम सुराग भी मिले हैं, जिससे गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी की जाएगी.

गिरफ्तार अभियुक्त-

  1. निश्चल राठौर पुत्र नरेंद्र पाल सिंह निवासी ग्राम शहबाजपुर पो0 जिनौरा थाना जिनौरा जनपद बदायूं उत्तर प्रदेश हाल निवासी ईको विलेज 2 बी4 2003 ग्रेटर नोएडा उत्तर प्रदेश. उम्र 30 वर्ष.
  2. मो. आजम पुत्र मो. यासीन निवासी इन्द्रा कालोनी थाना पंतनगर जनपद उधम सिंह नगर उत्तराखंड हाल निवासी संगम टेलीकॉम के पीछे मेन मार्केट सेलाकुई थाना सेलाकुई जनपद देहरादून. उम्र 27 वर्ष.
  3. कवीश डंग पुत्र स्व0 कमल डंग निवासी मकान नं0 176 वार्ड नं0 9 28 फुटा रोड थाना विकासनगर जनपद देहरादून. उम्र 30 वर्ष.

पुलिस की अपील: उत्तराखंड एसटीएफ प्रभारी ने जनता से अपील की है कि समय समय पर बैंक में भौतिक रूप से जाकर अपने खाते की जानकारी करते रहें व लम्बे समय तक अपने खाते को Inactive न रखें. कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन व साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें.

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Last Updated : May 24, 2022, 5:04 PM IST

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