देहरादून:उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए 14 फरवरी को मतदान होना है.उत्तराखंड कांग्रेस को जिताऊ और टिकाऊउम्मीदवारों की तलाश है. उधरउत्तराखंड कांग्रेस से चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदार लिस्ट जारी होने का इंतजार कर रहे हैं. आज मकर संक्रांति पर या फिर कल कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर सकती है. अंदरखाने ये खबर है कि लिस्ट जारी होते ही अनेक सीटों पर बगावत हो सकती है. दरअसल इन सीटों पर अनेक उम्मीदवार उन्हें टिकट मिलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं.
लिस्ट के बाद बगावत की आशंका: उत्तराखंड में करीब 15 ऐसी सीटें हैं जहां कांग्रेस को भी बगावत का डर सता रहा है. इसीलिये कांग्रेस को इन सीटों पर कवायद करने के लिए दो-दो बार स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक करनी पड़ी. उत्तराखंड कांग्रेस की पहली लिस्ट जारी होती ही बगावत हुई तो इसका फायदा बीजेपी या फिर आप उठा सकते हैं. यही कारण है कांग्रेस हाईकमान फूंक-फूंक कर कदम उठा रहा है.
ये भी पढ़ें: राहुल गांधी उत्तराखंड कांग्रेस से चाहें जिताऊ और टिकाऊ उम्मीदवार, जानिए इसका मतलब
एक परिवार एक टिकट फॉर्मूला:दरअसल इस बार कांग्रेस हाईकमान की सख्ती के कारण परिवार को आगे बढ़ाने वाले कांग्रेस के नेता खुलकर अपना खेल नहीं खेल पा रहे हैं. दूसरी ओर राज्य की 70 विधानसभा सीटों पर 500 से ज्यादा दावेदारों ने अपनी उम्मीदवारी जताते हुए स्क्रीनिंग कमेटी के हेड अविनाश पांडे को इंटरव्यू दिए हैं. जब इतनी लंबी कवायद हुई है तो दावेदार खुद को उम्मीदवार भी समझने लगे हैं.
देहरादून जिले में बगावत का डर: जिन सीटों पर कांग्रेस को बगावत का डर सता है अगर उन सीटों की बात करें तो ऋषिकेश और सहसपुर इनमें पहले नंबर पर हैं. इसके बाद मसूरी सीट पर भी पार्टी के अनेक लोग टिकट पर नजर गड़ाए हुए हैं. यही हाल देहरादून की कैंट विधानसभा सीट पर भी है. इन सभी सीटों पर एक से अधिक दावेदार अपनी उम्मीदवारी जता रहे हैं. टिकट नहीं मिलने पर बगावत की आशंका बहुत तेज है.
ऋषिकेश से कांग्रेस दावेदारों के नाम: 1- राजपाल खरोला: राजपाल अपने छात्र राजनीति के समय से ही कांग्रेस से जुड़े हुए हैं. छात्रसंघ अध्यक्ष रहने के साथ-साथ कई पदों पर पार्टी ने उनको सुशोभित किया है. वर्तमान में राजपाल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव के पद पर हैं. कांग्रेस राजपाल खरोला पर दो बार अपना विश्वास जता चुकी है. हालांकि इन दोनों चुनावों में राजपाल को हार का सामना करना पड़ा लेकिन अब तीसरी बार फिर वह टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. राजपाल कांग्रेस के टिकट के प्रबल दावेदार इसलिए भी माने जा रहे हैं, क्योंकि वह हरीश रावत गुट के हैं और उनके काफी करीबी हैं. साथ ही यह भी उम्मीद है कि दो बार की हार की उनको सहानुभूति भी मिलेगी.
ये भी पढ़ें: कांग्रेस के एक परिवार, एक टिकट फॉर्मूले पर छाया संकट, हरीश रावत के घर से 4 टिकटों की मांग
2-शूरवीर सिंह सजवाण: उत्तर प्रदेश के समय से ही सक्रिय राजनीति करने वाले शूरवीर सिंह पूर्व में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. इसके साथ ही पार्टी ने उनको कई बड़े पदों पर रखते हुए अहम दायित्व भी दिए. आपको बता दें कि शूरवीर सिंह सजवाण 1985 में देवप्रयाग से विधायकी जीते, 1993 में टिहरी से और 2002 में ऋषिकेश से विधायक का चुनाव जीत चुके हैं. हालांकि इसके बाद शूरवीर सिंह सजवाण कोई भी चुनाव नहीं जीत पाए. लेकिन ऋषिकेश के ग्रामीण क्षेत्रों में शूरवीर की सक्रियता ने पार्टी को अपनी ओर आकर्षित किया है.
3- विजय सारस्वत: विजय सारस्वत अपनी बेबाक बोली और दबंग छवि से पहचाने जाते हैं. विजय सारस्वत एक ऐसा नाम है जो कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के बीच रहा है. शायद हर कांग्रेस का दिग्गज नेता इस नाम को जानता और पहचानता है. बता दें कि, उत्तर प्रदेश के समय से ही विजय सारस्वत राजनीति करते हुए आ रहे हैं. छात्र राजनीति में इनका दबदबा जगजाहिर है. लगातार 10 वर्षों तक मेरठ यूनिवर्सिटी के यह प्रेसिडेंट रह चुके हैं. इसके साथ ही विजय सारस्वत पार्टी के कई बड़े पदों पर रह चुके हैं. वर्तमान में विजय सारस्वत प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री के पद पर हैं. विजय सारस्वत टिकट के प्रबल दावेदार इसलिए भी माने जा रहे हैं क्योंकि उत्तराखंड से लेकर दिल्ली तक के नेताओं के साथ इनका सीधा संबंध है.
4- जयेंद्र रमोला: छात्र राजनीति से लेकर अभी तक लगातार रमोला कांग्रेस से जुड़े हुए हैं. जयेंद्र रमोला ऋषिकेश पीजी कॉलेज के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. इसके साथ ही जयेंद्र को पार्टी ने कई तरह की जिम्मेदारियां भी दी हैं. जिन पर पूरे खरे उतरे हैं. ऋषिकेश नगरपालिका रहते हुए वे चेयरमैन का चुनाव भी लड़ चुके हैं. हालांकि इस चुनाव में उनको जीत हासिल नहीं हुई थी, लेकिन उस समय भी बड़े नेताओं को दरकिनार कर कांग्रेस पार्टी ने युवा चेहरे को टिकट दिया था. इस समय जयेंद्र रमोला ऋषिकेश विधानसभा सीट में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक के वोटरों के साथ सीधा संपर्क बनाए हुए हैं. इनको फिलहाल कांग्रेस का सबसे सक्रिय नेता भी माना जा रहा है.
5- सुधीर राय: सुधीर राय भी ऋषिकेश विधानसभा सीट से विधायक का चुनाव लड़ने का प्रस्ताव पार्टी के सामने रख चुके हैं. सुधीर राय वर्तमान में ऋषिकेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष के पद पर तैनात हैं. इसके साथ ही सुधीर राय चारधाम यात्रा रोटेशन व्यवस्था समिति के 4 बार अध्यक्ष निर्वाचित हो चुके हैं. इसके साथ ही वे वर्तमान में उत्तराखंड परिवहन महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष हैं. इतना ही नहीं छात्र जीवन से लेकर अभी तक सुधीर राय लोगों के बीच सक्रिय रहे हैं. इसके साथ यह भी माना जाता है कि सुधीर राय के पास एक ऐसी टीम है जो बड़ों बड़ों को पछाड़ सकती है. सुधीर राय की एक और खास बात लोगों से जानने की मिली कि उनका व्यवहार बेहद सरल और मिलनसार है. यही कारण है कि लोग उनसे जुड़ते भी जा रहे हैं. अब देखना होगा कि क्या पार्टी की कसौटी पर वह खरे उतरते हैं.