देहरादून:दीपावली पर भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा की जाती है. दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए लोग कई तरह के उपाय करते हैं. शास्त्रों के अनुसार, दिवाली मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए बेहद शुभ मानी जाती है.
क्यों मनाई जाती है दीवापली ?: माना जाता है कि जब भगवान राम रावण को हराकर और चौदह वर्ष का वनवास पूरा कर अयोध्या लौटे तो नगरवासियों ने पूरी अयोध्या को रोशनी से जगमगा दिया. यहां से ही भारतवर्ष में दीपावाली के त्योहार का चलन शुरू होना माना जाता है. एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान विष्णु ने नरसिंह रूप धारणकर हिरण्यकश्यप का वध किया था. तब से दीपावली मनाई जाती है.
दीपावली के दिन जन्मी थीं माता लक्ष्मी: एक और मान्यता के अनुसार माता लक्ष्मी आज उत्पन्न हुई थीं. माता लक्ष्मी धन की देवी हैं. हिंदू धर्म और शास्त्रों के अनुसार यह कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक मास की अमावस्या के दिन समुद्र मंथन करते समय मां लक्ष्मी की उत्पत्ति हुई थी. इसीलिए दीपावली के दिन माता लक्ष्मी का जन्मदिन मनाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है.
श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया था: एक मान्यता श्रीकृष्ण द्वारा नरकासुर नामक राक्षस के वध से भी जुड़ी है. राक्षस राजा नरकासुर ने तीनों लोकों पर आक्रमण कर दिया था. वहां रहने वाले देवी-देवताओं पर अत्याचार कर रहा था. तब श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया था. उसका वध करके श्रीकृष्ण ने 16,000 महिलाओं को उसके कैद से आजाद किया था. इस जीत की खुशी को 2 दिन तक मनाया गया था. इसमें दीपावली का दिन मुख्य है.
पांडवों की वापसी से भी जुड़ी है मान्यता:हिंदू धर्म के एक महाकाव्य महाभारत के अनुसार कार्तिक अमावस्या के ही दिन पांडव 12 साल के वनवास के बाद लौटे थे. उनके आने की खुशी में प्रजा ने उनका स्वागत घी के दीप जलाकर किया था.
ये तो दीपावली मनाने के बारे में जुड़ी अनेक मान्यताएं थीं. अब आपको बताते हैं कि दीपावाली के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए.