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GMVN ने निजी हाथों में सौंपा होटल द्रोण, रखी ये बड़ी शर्तें

गढ़वाल मंडल विकास निगम अपने सबसे बड़े होटल 'द्रोण' के संचालन की बोली  20 करोड़ रुपए से शुरू करने का शर्त पहले ही  स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सामने रख चुका है. जो कि 30 से 35 करोड़ तक जाने का अनुमान हैं.

GMVN ने निजी हाथों में सौंपा अपना 'हाथी'

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Published : Aug 27, 2019, 8:42 PM IST

Updated : Aug 27, 2019, 9:23 PM IST

देहरादून:गढ़वाल मंडल विकास निगम लगातार घाटे से जूझ रहा है. जिसके चलते GMVN अपने होटल और गेस्ट हाउसों को निजी कंपनियों के हाथों में सौंप रहा है. इसी कड़ी में मंगलवार को हुई बोर्ड बैठक में बड़ा फैसला लिया गया. जिसमें गढ़वाल मंडल विकास निगम अपने सबसे बड़े होटल द्रोण को स्मार्ट सिटी लिमिटेड को सौंपने की तैयारी कर चुका है. वहीं, अब स्मार्ट सिटी लिमिटेड पूर्ण रूप से पूरे होटल को अपने कब्जे लेकर मन मुताबिक आधुनिक ढंग से मॉल, शॉपिंग कंपलेक्स, स्मार्ट पार्किंग जैसे अन्य व्यवसायिक रूप में डेवलप कर इसका संचालन कर सकेगा.

GMVN ने निजी हाथों में सौंपा अपना 'हाथी'

एकमुश्त रकम और सालाना किराए के लिए लगेगी बोली

गढ़वाल मंडल विकास निगम अपने सबसे बड़े होटल द्रोण के संचालन की बोली 20 करोड़ रुपए से शुरू करने का शर्त पहले ही स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सामने रख चुका है. जो कि 30 से 35 करोड़ तक जाने का अनुमान हैं. जबकि, इस होटल का सालाना किराया वसूलने की कीमत डेढ़ करोड़ से ऊपर की रखी गई है.

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लम्बे समय से घाटे में चलने के कारण स्मार्ट सिटी लिमिटेड के हाथों जाने वाले GMVN के होटल द्रोण का उद्घाटन 14 अप्रैल 1987 में तत्कालीन उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह ने किया गया था. इस होटल में 70 कमरे हैं जबकि इसके अलावा यहां बैंक्वेट हॉल, वेडिंग हॉल और पार्किंग के लिए व्यवस्था है. गांधी रोड पर स्थित यह होटल लगभग 10 बीघा से ज्यादा क्षेत्र में फैला हुआ है. जिसमें गढ़वाल मंडल, कुमाऊं मंडल विकास निगम सहित पर्यटन क्षेत्र के कई कार्यालय भी मौजूद हैं.

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होटल द्रोण को लेकर गढ़वाल मंडल विकास निगम के अध्यक्ष महावीर सिंह रांगण के मुताबिक, यह होटल काफी वर्षों से बेहतर और सुचारू रूप से रखरखाव न होने के चलते लगातार घाटे में चल रहा है. जिसके कारण लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार जीएमवीएन बोर्ड ने होटल को घाटे से उबारने के लिए इसे स्मार्ट सिटी लिमिटेड को सौंपने का निर्णय लिया है. GMVN के मुताबिक, ये होटल हर महीने तीन से 4 लाख के घाटे में चल रहा था.

जीएमवीएन के मुताबिक होटल द्रोण को होने वाला वर्ष दर वर्ष घाटे का विवरण

  • वर्ष 2015 -16 में होटल को सालाना 10 लाख 50 हजार का घाटा
  • वर्ष 2016-17 में 21.51 लाख का सालाना घाटा
  • वर्ष 2017-18 में 43.56 लाख का सालाना घाटा
  • वर्ष 2018-19 में 26.63 लाख का सालाना घाटा
  • नए वित्तीय वर्ष 2019 में जनवरी से वर्तमान तक 5.89 लाख का घाटा हो चुका है

लचर कार्यप्रणाली के चलते पूरा पर्यटन व्यवसाय निजी कंपनियों के हाथों में
गढ़वाल मंडल विकास निगम के अधीन आने वाले प्रदेश भर के 90 गेस्ट हाउस व होटलों का संचालन निजी कंपनियों के हाथ में चला गया है. जोकि जीएमवीएन के अधिकारियों की लचर कार्यप्रणाली को दर्शाता है. गढ़वाल मंडल विकास निगम के वर्तमान अध्यक्ष महावीर सिंह भी मानते हैं कि वर्षों से घाटे में चलने के कारण होटल को निजी हाथों में देना निगम की मजबूरी हो गई है.

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निगम अध्यक्ष के मुताबिक, होटल द्रोण स्मार्ट सिटी को सौंपने से पहले 20 करोड़ से ऊपर की एकमुश्त कीमत वसूलने की बोली लगाई जाएगी, जो 30 से 35 करोड़ से ऊपर जा सकती है. जबकि, होटल की सालाना किराया वसूली के लिए डेढ़ करोड़ से ऊपर की बोली लगाना भी बोर्ड ने अपने नियम व शर्तो पर रखा हैं.

Last Updated : Aug 27, 2019, 9:23 PM IST

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