देहरादून: राजधानी के आरटीओ परिसर में फर्जी इंश्योरेंस कम्पनी का मामला सामने आया है. जिसके बाद दून पुलिस इस मामले में गंभीर नजर आ रही है. इस मामले में प्रथम दृष्टया जांच में ऐसे संकेत मिले हैं कि यह घोटाला आरटीओ कर्मियों की मिलीभगत से बड़े स्तर का हो सकता है. ऐसे में इस गिरोह की जड़ तक जाने के लिए पुलिस प्रशासन ने इसकी विस्तृत जांच के लिए एक अलग से SIT टीम गठित की है. सीओ विवेक कुमार इस एसआईटी टीम का नेतृत्व करेंगे.
फर्जी इंश्योरेंस कंपनी से मिलीभगत करने वाले आरटीओ कर्मियों पर जल्द ही पुलिस का शिकंजा कसेगा. आरटीओ कार्यालय में आने वाले वाहनों का फर्जी बीमा करना किसकी शय पर हो रहा था इसकी जांच के लिए एक एसआईटी टीम बनाई गई है. ये टीम इस फर्जीवाड़े की हर परत की जांच पड़ताल करेगी.
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बता दें कि कुछ दिन पहले एक ट्रैक्टर के इंश्योरेंस दस्तावेज को देहरादून आरटीओ ने फर्जी बताकर ट्रैक्टर स्वामी को नोटिस भेजा था. जिस पर ट्रैक्टर स्वामी ने नोटिस का जवाब देते हुए अपनी शिकायत में बताया कि उसका इंश्योरेंस आरटीओ कार्यालय के ही एक कर्मचारी ने करवाया था. जिसके बाद आरटीओ परिसर में फर्जी इंश्योरेंस कम्पनी का मामला सामने आया. अब यह बड़ा सवाल है कि कैसे आरटीओ कार्यालय से कोई वाहनों का फर्जी इंश्योरेंस करने का गिरोह चलाकर सरकारी बीमा कम्पनियों को चूना लगा रहा है.
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फर्जीवाड़े की विस्तृत जांच के लिए शनिवार को एसआईटी टीम गठित की गई है. जो आरोपित आरटीओ कर्मचारी से लेकर फर्जी कंपनी के दलालों तक कड़ी कार्रवाई करेगी. डीआईजी अरुण मोहन जोशी का मानना है कि इस केस में काफी डिटेल में जाकर दस्तावेजों की जांच पड़ताल करने की आवश्यकता है. ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह एक बड़ा घोटाला है. इसी के चलते एक निष्पक्ष एसआईटी का गठन कर इसकी गहनता से जांच करवाई जाएगी.