देहरादूनः उत्तराखंड के चर्चित 500 करोड़ से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी टीम ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है. एसआईटी ने पूर्व सहायक समाज कल्याण अधिकारी मनीष कुमार त्यागी को गिरफ्तार किया है. एसआईटी ने मनीष को रुड़की के पनियाला रोड से गिरफ्तार किया है.
एसआईटी के मुताबिक गिरफ्तार पूर्व सहायक समाज कल्याण अधिकारी मनीष कुमार को हरिद्वार और हिमाचल स्थित मानव भारती विश्वविद्यालय को जारी 3 करोड़ 68 लाख 56 हजार की रकम घोटाले में कई बार जांच में सहयोग करने के लिए नोटिस दिया गया. लेकिन मनीष कुमार द्वारा जांच में अपना पक्ष नहीं रखा जा रहा था और गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार था. इस पर एसआईटी ने रुड़की से गिरफ्तारी की है.
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ये है पूरा मामलाःहरिद्वार-देहरादून एसआईटी प्रभारी आईपीएस मंजूनाथ टीसी के मुताबिक वर्ष 2012-13 और 2013-14 में अनुसूचित जनजाति के छात्रों को फर्जी एडमिशन और दस्तावेज के आधार पर तत्कालीन सहायक समाज कल्याण अधिकारी मनीष कुमार त्यागी द्वारा हरिद्वार और हिमाचल के सोलन में स्थित मानव भारती विश्वविद्यालय को 3 करोड़ 38 लाख से अधिक के सरकारी धन का गबन करते हुए ट्रांसफर की गई थी.
एसआईटी की जांच पड़ताल में 10 अक्टूबर 2019 को शिक्षण संस्थान मानव भारती विश्वविद्यालय के खिलाफ हरिद्वार के सिडकुल थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. जांच पड़ताल में पता चला कि हरिद्वार और हिमाचल के मानव भारती विश्वविद्यालय के बैंक खाते में ट्रांसफर की गई रकम फर्जी तरीके से छात्र-छात्राओं के जाली एडमिशन दिखाकर गबन की गई थी. इस पूरे मामले में तत्कालीन सहायक समाज कल्याण अधिकारी मनीष कुमार द्वारा शिक्षण संस्थान संस्कार से मिलीभगत कर भ्रष्टाचार का खेल खेला गया.
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SIT के मुताबिक आरोपी शिक्षण संस्थान के बैंक खाते की जांच करने पर पता चला कि समाज कल्याण विभाग द्वारा जालसाजी के तहत छात्रवृत्ति धनराशि के नाम पर शिक्षण संस्थान के संचालक सुभाष पुत्र बाबूराम निवासी पनियाला रुड़की और किरण देवी पत्नी सुभाष निवासी पनियाला रुड़की के अलावा किरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी के संचालक राहुल बिश्नोई पुत्र केके विश्नोई निवासी मनीराम रोड ऋषिकेश और मानव भारती विश्वविद्यालय रानीपुर मोड़ हरिद्वार के संचालक अश्विनी टंडन पुत्र प्रकाश नारायण निवासी गंगनहर रुड़की के नाम पर रकम ट्रांसफर की गई थी.
वहीं, दूसरी ओर शिक्षण संस्थानों के संचालक जिनका हिमाचल सोलन में भी मानव भारती विश्वविद्यालय है, इनके कॉलेज के नाम से भी छात्रवृत्ति घोटाला होना पाया गया.
घोटाले में समाज कल्याण अधिकारी पहले ही गिरफ्तार: एसआईटी के मुताबिक शिक्षण संस्थानों को फर्जीवाड़ा करके करोड़ों रुपए की छात्रवृत्ति धनराशि ट्रांसफर करने में तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर को 4 सितंबर 2021 को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है.