देहरादून:उत्तराखंड कांग्रेस के नेता इन दिनों हाथों में फाइल लिए लाइन में लगे हैं. अपडेटेड बायोडाटा के साथ कांग्रेस नेता इंटरव्यू दे रहे हैं. इंटरव्यू में विधायक बनने के लिए उनकी योग्यता को परखा जा रहा है.
कौन ले रहा है इंटरव्यू: कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी हेड अविनाश पांडे ये इंटरव्यू ले रहे हैं. अविनाश पांडे अभी तक उत्तराखंड की चार लोकसभा सीटों की विधानसभा सीटों से उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए दावेदारी पेश करने वाले उत्तराखंड के कांग्रेसी नेताओं के इंटरव्यू ले चुके हैं.
इंटरव्यू में क्या हो रहा है: इंटरव्यू में टिकट के दावेदार की पूरी योग्यता जांची-परखी जा रही है. जैसे- उम्मीदवार टिकट की मांग क्यों कर रहा है. उसका बैकग्राउंड कैसा है. पार्टी में दावेदार की स्थिति क्या है. अनुशासन को लेकर उस दावेदार का रिकॉर्ड कैसा है. उस विधानसभा क्षेत्र जहां से दावेदार टिकट मांग रहा है, उसकी इमेज कैसी है. दावेदार ने पार्टी हित में क्या-क्या किया है. टिकट का दावेदार कांग्रेस पार्टी के लिए समर्पित है या नहीं. दावेदार जिताऊ और टिकाऊ दोनों साबित होगा या नहीं. टिकट का दावेदार गुटबाज तो नहीं है. दावेदार पर परिवारवाद या भाई-भतीजावाद के आरोप तो नहीं हैं. उत्तराखंड कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी के हेड अविनाश पांडे इन सभी चीजों को बहुत बारीकी से परख रहे हैं.
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किसके आदेश पर हो रहे हैं इंटरव्यू:कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के आदेश पर कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी के हेड अविनाश पांडे ये इंटरव्यू ले रहे हैं. राहुल गांधी चाहते हैं कि विधानसभा चुनाव 2022 में इस बार जिताऊ और टिकाऊ उम्मीदवार को ही टिकट मिले. दरअसल 2016 में जब हरीश रावत मुख्यमंत्री थे तो कांग्रेस के 9 विधायक पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. हरीश रावत के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार को तब बहुत संकट झेलने पड़े थे.
2016 के विद्रोह से सबक लेना चाहते हैं राहुल गांधी:राहुल गांधी 2016 में उत्तराखंड कांग्रेस में हुए विद्रोह से सबक लेना चाहते हैं. भविष्य में वैसी स्थिति नहीं आए इसको लेकर राहुल गांधी सतर्क रहना चाहते हैं. इसीलिए राहुल गांधी ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में टिकट बंटवारा से पहले टिकट के दावेदारों के इंटरव्यू लेने को कहा है. राहुल गांधी चाहते हैं कि टिकट का दावेदार जिताऊ हो तो साथ में टिकाऊ भी हो.