देहरादून: आरक्षण को 10 साल और आगे बढ़ाये जाने को लेकर केंद्र सरकार के फैसले का हर जगह विरोध हो रहा है. शनिवार को उत्तराखंड में भी इसका असर देखने को मिला. यहां अखिल भारतीय समानता मंच के बैनर तले उत्तराखंड के सामान्य वर्ग के तमाम कर्मचारियों ने देहरादून के गांधी पार्क में जमा होकर अपना विरोध दर्ज कराया.
केंद्र सरकार ने आरक्षण की सीमा को 25 जनवरी 2020 से आगे 10 वर्षों के लिए बढ़ाने का फैसला लिया है. जिसके विरोध में रविंद्र जेठानी दिल्ली के रामलीला मैदान में 17 नवंबर से आमरण अनशन पर बैठे हैं. जेठानी के समर्थन में शनिवार को अखिल भारतीय समानता मंच के बैनर तले उत्तराखंड कर्मचारी संगठन के लोगों ने भी देहरादून गांधी पार्क में अपना विरोध दर्ज करवाया.
आरक्षण पर लिए गये फैसले के खिलाफ लोगों का प्रदर्शन. पढ़ें-उत्तराखंड: 4G का नेटवर्क रोक पाने में नाकाम जेलों के जैमर, टेक्नोलॉजी ने खतरे में डाली सुरक्षा
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए अखिल भारतीय समानता मंच के प्रांत अध्यक्ष श्यामलाल शर्मा ने अपने इस विरोध का एजेंडा बताया. उन्होंने कहा कि सरकार लगातार योग्य व्यक्तियों को पीछे धकेल रही है. जिससे अयोग्य व्यक्तियों को योग्य व्यक्तियों के ऊपर थोपा जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस अव्यवस्था को लेकर सामान्य वर्ग के सभी कर्मचारी लामबंद हैं. जिसके कारण वे सभी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
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बता दें कि संविधान संशोधन (126वां) बिल राज्यसभा से भी पास हो गया है. ये बिल लोकसभा से पहले ही पास हो चुका है. विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति समुदायों के आरक्षण को दस वर्ष बढ़ाने का प्रावधान है. एंग्लो-इंडियन समुदाय, एससी/एसटी को दिए जाने वाला आरक्षण 25 जनवरी, 2020 को समाप्त हो रहा है. आगे के दस वर्षों के लिए, यानी 25 जनवरी, 2030 तक सीटों के आरक्षण को बढ़ाने के लिए विधेयक है.