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पंचायत चुनाव: अधिसूचना जारी होने के बाद आरक्षण में संशोधन पर प्रीतम सिंह ने कही यह बात - उत्तराखंड पंचायत चुनाव

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने त्रिवेंद्र सरकार पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने अधिसूचना जारी होने के बावजूद 16 सितंबर को आरक्षण में संशोधन कर नई लिस्ट जारी कर दी, जिसका कांग्रेस विरोध करती है.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह.

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Published : Sep 19, 2019, 8:10 PM IST

देहरादून:प्रदेश में पंचायत चुनावों की सरगर्मियां तेज हो गई हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने त्रिवेंद्र सरकार पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है. प्रीतम सिंह का कहना है कि प्रदेश सरकार पंचायत चुनाव को अपनी ताकत और शासन के दम पर जीतना चाहती है. सरकार ने अधिसूचना जारी होने के बावजूद 16 सितंबर को आरक्षण में संशोधन कर नई लिस्ट जारी कर दी, जिसका कांग्रेस विरोध करती है. अगर सरकार इसे निरस्त नहीं करती तो कांग्रेस न्यायालय की शरण में जाएगी.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि लोकतांत्रिक परंपरा के अनुसार चुनावों की अधिसूचना जारी होने से पहले शासन और निदेशालय को परिसीमन और आरक्षण तय करने का अधिकार होता है. ऐसे में अधिसूचना जारी किए जाने के बाद चुनाव परिणामों की घोषणा तक किसी कार्रवाई का संचालन करने के लिए सिर्फ राज्य निर्वाचन आयुक्त कोई निर्णय ले सकता है. प्रीतम सिंह ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनावों के प्रथम चरण की अधिसूचना बीती 13 सितंबर को जारी कर दी थी. इससे पहले जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा पंचायत चुनाव आरक्षण की अंतिम तिथि 31 अगस्त को जारी कर दी गई थी.

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दरअसल, 13 सितंबर के बाद आरक्षण में कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता है और सरकार का इंटरविन इसमें समाप्त हो जाता है. प्रीतम सिंह ने कहा कि सरकार के दबाव में आकर 16 सितंबर को आरक्षण में परिवर्तन किया गया है. जिसे तत्काल प्रभाव से पुनर्विचार कर इसको निरस्त किया जाना चाहिए. यदि निरस्त नहीं किया जाता है तो कांग्रेस पार्टी इस परिपेक्ष में न्यायालय की शरण में जाएगी.

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