देहरादून: लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. ऐसे में उत्तराखंड की सभी सीटों पर पहले चरण यानी 11 अप्रैल को मतदान किया जाएगा. मतदान के अधिकार के तहत जहां निर्वाचन आयोग सभी मतदाताओं को मतदान करने की अपील कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड की जेलों में बंद कैदी भी मतदान करेंगे. उत्तराखंड के सभी जिला कारागारों में करीब 5446 कैदी बन्द हैं.
जेल में बंद कैदी भी कर सकेंगे मतदान. जेल में बंद कैदियों के मतदान के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा पोस्टल बैलेट की व्यवस्था की गई है. जिसको लेकर प्रदेश के सभी जिला जेलर अपने-अपने जेल में बंद कैदियों की डिटेल देंगे. जिसके बाद उन सभी कैदियों की डिटेल को मतदाता सूची से मिलान किया जाएगा. जिसके बाद जिन कैदियों के नाम मतदाता सूची में होंगे उन सभी के लिए जेल के भीतर ही पोस्टल बैलेट की व्यवस्था की जाएगी.
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हालांकि जेल में बंद कैदियों के लिए निर्वाचन आयोग ने कई गाइडलाइन भी निर्धारित कर रखी है. गाइडलाइन के अनुसार कैदी कुछ धाराओं में दोष सिद्ध होने की दशा में वह मतदान नहीं कर सकता है. जिसमें भारतीय दंड संहिता (1860 का 45) की धारा 171ङ या धारा 171च अथवा इस अधिनियम की धारा 125 या धारा 135 के अधीन या धारा 136 की उपधारा (2) के खंड (क) के अधीन दंडनीय किसी अपराध का दोषी ठहराया गया है तो वहीं दोष सिद्ध की तारीख से या उस तारीख से जिसको वह आदेश प्रभावशील होता है, छह वर्ष की कालावधि के लिए, किसी भी निर्वाचन में मत नहीं दे सकता.
प्रदेश के जिला कारागारों में बंद कैदियों की जानकारी
⦁ देहरादून जिला कारागार में कुल 1300 कैदी बंद है.
⦁ हरिद्वार जिला कारागार - 1461 कैदी बंद है.
⦁ नैनीताल जिला कारागार- 122 कैदी.
⦁ हल्द्वानी उपकारागार -1046 कैदी.
⦁ रुड़की उपकारागार- 404 पुरुष और 17 महिला कैदी.
⦁ चमोली जिला कारागार - 94 कैदी, जिसमें 86 पुरुष और 8 महिला कैदी हैं.
⦁ अल्मोड़ा जिला कारागार- 200 कैदी.
⦁ टिहरी जिला कारागार - 125 कैदी.
⦁ सितारगंज कारागार - 550 कैदी.
⦁ पौड़ी जिला कारागार - 144 कैदी, जिसमें 140 पुरुष और 4 महिला कैदी.