देहरादून: पहाड़ी क्षेत्रों में फायर सीजन के दौरान जंगलों में लगने वाली आग को वन विभाग के लिए बड़ी चुनौती साबित होती है. जंगलों में आग से वनसंपदा के साथ ही वन्यजीवों को भी जान से हाथ धोना पड़ता है. ऐसे में इस साल गर्मियों में वनों को आग से बचाने के लिए वन विभाग,परिवहन विभाग के साथ मिलकर लोगों को जागरुक करने की एक नई पहल करने जा रहा है.
जानकारी देते मुख्य वन संरक्षक आर.के मिश्र .
आपको बता दें कि प्रदेश में कुछ ही दिनों में चारधाम यात्रा का आगाज़ होने जा रहा है. ऐसे में यात्रा सीजन के दौरान वन विभाग परिवहन विभाग के सहयोग से लगभग 300 सरकारी बसों में वनों को बचाने का संदेश चस्पा कर आम लोगों को वनाग्नि के प्रति जागरुक किया जाएगा.
मुख्य वन संरक्षक आरके मिश्र ने बताया कि बीते सालों की तुलना में साल 2018 में आग के चलते प्रदेश की वनसंपदा को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा था. इस साल वनाग्नि की रोकथाम के लिए परिवहन विभाग के सहयोग से महकमा नई पहल करने जा रहा है. जिसके तहत परिवहन विभाग की 300 बसों में वनों को बचाने के संबंध में पोस्टर चस्पा किए जाएंगे. ताकि लोगों को जागरुक किया जा सके.
मुख्य वन संरक्षक का कहना है कि वनाग्नि का मुख्य कारण बरसात की कमी को माना जाता है. लेकिन कई बार मानवीय लापरवाही के चलते भी वनों में आग लग जाती है. ऐसे में यह जरूरी है कि हम वनों के महत्व को समझें और वनों को बचाने पर विचार करें.