देहरादून: प्रदेश में हरिद्वार जिले को छोड़कर बाकी सभी 12 जिलों में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मतदान प्रक्रिया पूरी हो गयी है. 12 जिलों के 89 विकासखंडों में हुए चुनाव में करीब 69.59 फीसदी मतदान हुआ है. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार 27 हजार 339 पदों पर नामांकन नहीं भरे गए हैं. वहीं अब खाली पड़े पदों पर राजनीति शुरू हो गयी है. हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग इन खाली पदों पर जल्द ही चुनाव कराने की बात कह रहा है.
पंचायत चुनाव के बाद भी प्रदेश में खाली पड़े हैं कई पद. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार 89 विकासखंडों में कुल 66,399 पदों पर चुनाव होने थे, जिनमें से 12,739 पदों पर ही चुनाव हो पाए हैं. हालांकि 22,861 पदों पर तो उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए, लेकिन प्रदेश में 30,797 पद अभी भी खाली पड़े हैं. जिन पर नामांकन ही नहीं भरा गया. अगर आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश में मात्र 19.19 फीसदी पदों पर ही मतदान हो पाए हैं.चुनाव के बाद भी सभी पदों में से 46.38 फीसदी पद खाली पड़े हैं. जिन पर दोबारा से चुनाव होने हैं.
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वहीं इस मामले में कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि जिस तरह से प्रदेश में चुनाव संपन्न हुआ है उससे 90 प्रतिशत ग्राम सभाएं भी गठित नहीं हो पा रही हैं. धस्माना का कहना है कि उन्हें पहले उम्मीद था कि ये आंकड़ा 40-50 प्रतिशत जाएगा. लेकिन वर्तमान समय में हालात ऐसे हैं कि खाली पदों पर प्रत्याशी ही नहीं मिल रहे हैं. जिसके कारण नामांकन नहीं हुआ.
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सरकार पर हमला बोलते हुए धस्माना ने कहा कि राज्य सरकार ने बिना सोचे समझे फैसला लिया. जिसके कारण पंचायत चुनाव के लिए उम्मीदवार ही नहीं मिल रहे हैं. जिस वजह से पंचायती राज का भट्ठा बैठ गया है. उन्होंने राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त पर आरोप लगाते हुए कहा कि आयुक्त ने भाजपा की कठपुतली के रूप में काम किया है. धस्माना ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने चुनाव प्रणाली को पूरी तरह से हाईजैक कर लिया था.
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वहीं भाजपा प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायतों के कई पदों पर चुनाव नहीं हुए हैं. हालांकि कुछ जगहों पर तो सभी पदों पर उम्मीदवारों को निर्विरोध चुन लिया गया है. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में सरकार ने अपनी पूरी जिम्मेदारी निभाई है. ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत सदस्य तक के आरक्षण की सूची निर्वाचन आयोग को भेज दी गई थी. उन्होंने कहा कि चुनाव तो आम जनता और पार्टी नेताओं को लड़ना है. कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस का काम सिर्फ आलोचना और लोगों को भ्रमित करना रह गया है.
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वहीं मामले में राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त चंदशेखर भट्ट का कहना है कि उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार 30 नवंबर से पहले चुनाव प्रक्रिया पूर्ण की जानी है. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि खाली पड़े पदों पर भी उससे पहले चुनाव करा लिया जाएगा. हालांकि अभी इसमें समय देना पड़ेगा, क्योंकि पोलिंग पार्टियों को नए सिरे से तैयार करना पड़ेगा. यही नहीं चुनाव की पूरी प्रक्रिया फिर से पूरी करनी पड़ेगी. जिसके बाद ही खाली पड़े पदों पर चुनाव कराये जा सकेंगे.
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अहम आंकड़े
- 12 जिलों के 89 विकासखंडों में कुल 66,399 पद हैं.
- 12,739 पदों पर तीनो चरणों मे चुनाव हुए हैं, मात्र 19.19 फीसदी पदों पर चुनाव हुए हैं.
- 22,861 पदों पर उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए हैं,34.43 फीसदी पदों को निर्विरोध चुना गया.
- 30,797 पद अभी भी खाली हैं, जिन पर चुनाव होने हैं. 46.38 फीसदी पद खाली हैं
- त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 30,797 पद हैं खाली
- प्रदेश के 12 जिलों में ग्राम पंचायत सदस्य के 30,663 पद खाली हैं. जिन पर कोई भी नामांकन पत्र प्राप्त नहीं हुए हैं.
- 12 जिलों में प्रधान ग्राम के 124 पद खाली हैं. जिन पर कोई भी नामांकन पत्र प्राप्त नहीं हुए हैं.
- 12 जिलों में क्षेत्र पंचायत सदस्य के 10 पद खाली हैं. जिनपर कोई भी नामांकन पत्र प्राप्त नहीं हुए हैं.